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मीडिया मंथन

‘मेरे पास मीडिया के लिए समय नही है’

हरभजन सिंहऑफ स्पिनर हरभजन सिंह इन दिनों मीडिया से खासे नाराज हैं. अंग्रेजी दैनिक द हिन्दू को दिए गए एक साक्षात्कार में हरभजन सिंह ने कहा कि “हम लोगों का मनोरंजन करने के लिए खेलते हैं, मीडिया को खुश करने के लिए नहीं.” हरभजन ने यहीं बस नही की. अखबार हरभजन के हवाले से आगे लिखता है कि “मुझे लग रहा है कि इन दिनों मीडिया, टीम या किसी खास व्यक्ति के असफल होने का इंतजार करता है और ऐसा होने पर वह बुरे तरीके से टीम या उस व्यक्ति को अपने निशाने पर ले लेता है. मेरे पास मीडिया के लिए समय नहीं है.” हरभजन ने यह साक्षात्कार एक अखबार को दिया तो साफ़ जाहिर है कि हरभजन के निशाने पर टी.वी. मीडिया है. दरअसल हरभजन सिंह पिछले दिनों उनकी हम्मर कार के चालान को लेकर टी.वी.मीडिया द्वारा की गयी उनकी खिंचाई से खफा हैं. चंडीगढ़ में हुए हरभजन की हम्मर के चालान की खबर को टी.वी. मीडिया ने काफी मिर्च-मशाला लगा कर पेश किया था और उस खबर के आधार पर ही हरभजन को विवादों का सरदार बताते हुए, आधे-आधे घंटे के विशेष कार्यक्रम चलाये गए थे.

हरभजन सिंह

हरभजन सिंहऑफ स्पिनर हरभजन सिंह इन दिनों मीडिया से खासे नाराज हैं. अंग्रेजी दैनिक द हिन्दू को दिए गए एक साक्षात्कार में हरभजन सिंह ने कहा कि “हम लोगों का मनोरंजन करने के लिए खेलते हैं, मीडिया को खुश करने के लिए नहीं.” हरभजन ने यहीं बस नही की. अखबार हरभजन के हवाले से आगे लिखता है कि “मुझे लग रहा है कि इन दिनों मीडिया, टीम या किसी खास व्यक्ति के असफल होने का इंतजार करता है और ऐसा होने पर वह बुरे तरीके से टीम या उस व्यक्ति को अपने निशाने पर ले लेता है. मेरे पास मीडिया के लिए समय नहीं है.” हरभजन ने यह साक्षात्कार एक अखबार को दिया तो साफ़ जाहिर है कि हरभजन के निशाने पर टी.वी. मीडिया है. दरअसल हरभजन सिंह पिछले दिनों उनकी हम्मर कार के चालान को लेकर टी.वी.मीडिया द्वारा की गयी उनकी खिंचाई से खफा हैं. चंडीगढ़ में हुए हरभजन की हम्मर के चालान की खबर को टी.वी. मीडिया ने काफी मिर्च-मशाला लगा कर पेश किया था और उस खबर के आधार पर ही हरभजन को विवादों का सरदार बताते हुए, आधे-आधे घंटे के विशेष कार्यक्रम चलाये गए थे.

बंग्लूरु एअरपोर्ट पर हरभजन द्वारा एक कैमरामैन के साथ किया गया व्यवहार शायद इसी कार्यक्रम की प्रतिक्रिया थी लेकिन हरभजन इस घटना के बाद एक बार फिर मीडिया की नजर में विलेन बन गए. हरभजन का मीडिया के प्रति व्यवहार कई सवाल उठा रहा है. सबसे पहला सवाल यह है कि क्या मीडिया सच में खबरों को इतनी हाईप देता है कि सामने वाला परेशान हो जाये या यह हरभजन सिंह का ओवर-रिएक्शन है? हरभजन की नाराजगी काफी हद तक जयाज भी लगती है क्योंकि एक कार के चालान को ले कर आधे-आधे घंटे का कार्यक्रम चलाना, किसी की छवि को इस तरह से धुमिल करना भी उचित नहीं कहा जा सकता. इस आधे घंटे के कार्यक्रम में मीडिया ने “श्री संत थपड़ काण्ड” के अलावा साइमंड्स के साथ हुआ भज्जी का विवाद भी जोड़ दिया था लेकिन  कार्यक्रम चलाने वाले मीडिया के लोग यह भूल गए कि साइमंड्स के साथ हुए विवाद के समय हरभजन के साथ पूरे देश का मीडिया खड़ा था लेकिन उसी मीडिया ने अपने आधे घंटे के प्रोग्राम के लिए यह विवाद भी उनके खाते में डाल दिया. मीडिया को यह बात भली-भाँती पता है कि हरभजन बिकने वाले खिलाडी हैं. यानि भज्जी पर बनी कोई भी खबर बिकती है और लोग इसे देखते हैं. ऐसे में मीडिया भाजी को ज्यादा देर तक नाराज नहीं रख सकता. हरभजन खबरों में रहना जानते हैं.

वो कभी अपनी अच्छी गेंदबाजी तो कभी दूसरे विभिन्न कारणो से खबरों में बने रहते हैं. लेकिन हरभजन के दस साल लम्बे क्रिकेट करियर में यह पहला मौका है जब वो मीडिया के खिलाफ इस तरह खुल कर बोल रहे हैं..हरभजन की टी.वी मीडिया के साथ यह नाराजगी कब तक जारी रहती है यह देखने वाली बात होगी.

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