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राजनीति-सरकार

ईमानदार मोदी जी के नाम ईमानदार पत्रकार का एक खुला ख़त

प्रिय मोदी जी,

बीजेपी के नेता शायद इतिहास में कमज़ोर हैं। साल 1950 के बाद देश की राजनीति में तमाम लोगों ने अपना वर्चस्व बनाने की कोशिश की। कुछ ने तो तानाशाही भी की जबकि कुछ ने तो हत्या तक करवाई और कुछ लोगों का ख़ुलासा सीधे मीडिया के सामने हुआ। बीजेपी के नेता भूल गए कि कैसे 1987 तक सबकुछ ठीक था और बाद में राजीव गांधी 1989 में सत्ता से बाहर चले गए। 1999 में अटल जी भी ख़ूब चमके थे लेकिन ख़ुलासे के बाद सत्ता के बाहर नज़र आए थे। 1963 में पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रताप सिंह कैरो के खिलाफ कांग्रेसी नेता प्रबोध चंद्र ने आरोप पत्र पेश किया था। आपको तो याद होगा?

<p><strong>प्रिय मोदी जी,</strong> </p> <p>बीजेपी के नेता शायद इतिहास में कमज़ोर हैं। साल 1950 के बाद देश की राजनीति में तमाम लोगों ने अपना वर्चस्व बनाने की कोशिश की। कुछ ने तो तानाशाही भी की जबकि कुछ ने तो हत्या तक करवाई और कुछ लोगों का ख़ुलासा सीधे मीडिया के सामने हुआ। बीजेपी के नेता भूल गए कि कैसे 1987 तक सबकुछ ठीक था और बाद में राजीव गांधी 1989 में सत्ता से बाहर चले गए। 1999 में अटल जी भी ख़ूब चमके थे लेकिन ख़ुलासे के बाद सत्ता के बाहर नज़र आए थे। 1963 में पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रताप सिंह कैरो के खिलाफ कांग्रेसी नेता प्रबोध चंद्र ने आरोप पत्र पेश किया था। आपको तो याद होगा? </p>

प्रिय मोदी जी,

बीजेपी के नेता शायद इतिहास में कमज़ोर हैं। साल 1950 के बाद देश की राजनीति में तमाम लोगों ने अपना वर्चस्व बनाने की कोशिश की। कुछ ने तो तानाशाही भी की जबकि कुछ ने तो हत्या तक करवाई और कुछ लोगों का ख़ुलासा सीधे मीडिया के सामने हुआ। बीजेपी के नेता भूल गए कि कैसे 1987 तक सबकुछ ठीक था और बाद में राजीव गांधी 1989 में सत्ता से बाहर चले गए। 1999 में अटल जी भी ख़ूब चमके थे लेकिन ख़ुलासे के बाद सत्ता के बाहर नज़र आए थे। 1963 में पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार प्रताप सिंह कैरो के खिलाफ कांग्रेसी नेता प्रबोध चंद्र ने आरोप पत्र पेश किया था। आपको तो याद होगा?

सुना है आपकी याददाश्त अच्छी है। मनमोहन सिंह का पहला कार्यकाल अच्छा था, दूसरी बार भी पीएम बन गए, लेकिन विदाई कैसी थी ये सबको पता है। पंडित नेहरू की सरकार में उनके दामाद फिरोज़ गांधी के आरोप को आप भूल नहीं सकते हैं। 1972 में इंदिरा गांधी सरकार में नागरवाला काण्ड जैसे घोटाले आपको नज़र आएंगे। जनता पार्टी और जनता दल सरकार का घोटाला भी आप भूल नहीं सकते हैं। अब आपको क्या बीजेपी से किसी घोटाले की उम्मीद है ? मुझे ख़ुद से ज़्यादा इस देश के सिस्टम पर भरोसा है। याद रखिए अगर अब तक के प्रधानमंत्री घोटाले से नहीं बच पाए तो आप ख़ुद (मोदी) पर भरोसा कैसे कर सकते हैं ? अगर मोदी सरकार में घोटाला नहीं हुआ तो क्या हुआ ? मोदी सरकार में ही व्यापम जैसे घोटाले को रेनकोट पहनाया जा रहा है। नरेंद्र मोदी को शिवराज सिंह चौहान का रेनकोट भी देखना चाहिए।

मोदी साहब को राजस्थान में बन रहे रेनकोट का ब्योरा भी लेना चाहिए। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह का रेनकोट भी बड़ा हो रहा है, उसे भी देखना चाहिए। झारखण्ड के सीएम रघुवर दास जी मनरेगा में 500 करोड़ के घोटाले में फंसे आरोपियों को बचा रहे हैं। ज़रा मोदी जी को उनका भी रेनकोट देख लेना चाहिए। बीजेपी के नेता बी एस येदियुरप्पा का घोटाला आप भूल गए क्या ? उनका रेनकोट आपको सत्ता से बाहर तक ले गया था। क्या आप भूल गए? आगे बढ़िए बीजेपी के अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण की सीडी किस रेनकोट में है, मोदी जी को वो भी देखना चाहिए। छोटे नेताओं पर जाना समय की बर्बादी होगी, जब बड़े-बड़े घोटाले बाज बाहर ही बैठे हों। पीएम मोदी साहब आप देश की जनता को क्यों नहीं बताते कि जब आप भी गुजरात में थे तब अटल जी ने भी रेनकोट पहन रखा था (दंगे के दौरान)। आप क्यों नहीं बताते कि गुजरात में लोकायुक्त के लिए आप ने भी रेनकोट पहन रखा था?

आप को यूपी से प्यार है, क्या आप कल्याण सिंह का रेनकोट भूल गए? क्या आप महाराष्ट्र में अपनी और शिवसेना के साथ गठबंधन की सरकार का घोटाला भूल गए? ज़रा वो भी रेनकोट याद करिए। आपका तो 56 इंच का सीना है, दारा सिंह से भी 4 इंच ज्यादा है ( दारा सिंह का सीना 52 इंच का था) ! आपको पता करना चाहिए अनुराग ठाकुर पर कैसे सुप्रीम कोर्ट ने रेनकोट पहना दिया है! (हाल की घटना है) ? क्या भूल गए उत्तराखण्ड में तमाम नेताओं को मनमोहन सरकार ने रेनकोट पहनाया जिन्हें आप गले लगा रहे हैं। मोदी जी आप तो देश के बड़े नेता हैं, आपको पता ही होगा कि राजनाथ सिंह के बेटे पर भी आरोप थे, अभी उनका बेटा भी और रेनकोट भी जवान हैं ज़रा उसे भी देख लीजिएगा।

बीजेपी सरकार में आप क़फ़न घोटाला वाला रेनकोट देख लीजिएगा। ‘हुजूर’ आप तो सरकार हैं, आपको तो पता ही होगा कि मनमोहन सिंह रेनकोट पहन कर नहा रहे थे, बाकी आप तो इनसे भी कई कदम आगे हैं, आप तो अपने नेताओं को रेनकोट पहनाकर नहला रहे हैं। आप इसमें पिता की भूमिका में हैं ! देश के इतिहासकार भी आजकल आप से इतिहास समझ रहे हैं, आप जल्दी में उन्हें इतिहास न बताएं (ग़लत जानकारी देश को भाती नहीं है)। आप सबसे पहले कालाधन के बजाय अपने नेताओं का रेनकोट तो निकाल लीजिए। संसद में जहां आप खड़े होकर बोल रहे हैं वहीं कभी अटल जी की सरकार ने भी रेनकोट पहना था। वैसे आप विद्वान हैं, आप महान हैं, आपके ख़िलाफ बोलने की हिम्मत कौन कर सकता है? 

कारगिल ताबूत घोटाले, कारगिल उपकर दुरूपयोग घोटाला। थोड़ा इतिहास में चलिए और दूरसंचार वाले तार से देखिए…प्रमोद महाजन का रिलायंस घोटाला नज़र आएगा। अरुण शौरी का निजी खिलाड़ियों को बेलआउट पैकेज यूटीआई घोटाला भी आपको दिखेगा। अरे आप तो साइबर स्पेस इन्फोसिस लिमिटेड घोटाला भूल ही गए। आप पेट्रोल सस्ता देते हैं इसीलिए पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी आवंटन घोटाले का रेनकोट नज़र नहीं आता होगा ? आप तो मध्यप्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे घोटाला भूल ही गए। रमेश पोखरियाल का करोड़ों का घोटाले वाला रेनकोट कहां है ? पुणे में भूमि घोटाले का रेनकोट पहनकर आपकी सरकार में नितिन गडकरी मंत्री भी हैं।

सरकारी फोन लाइन में भी आपके नेताओं ने रेनकोट पहना दिया था। भूल गए अरूण शौरी का दूसरा बीएसएनएल विनिवेश घोटाला। आगे लिस्ट लीजिए 1998 में खाद्यान घोटाला 35,000 करोड़ वाला। 2000 में चावल निर्यात घोटाला 2,500 करोड़ का। 2002 में ओडिशा कोयला खदान घोटाला 7,000 करोड़ का। 2003 स्टाम्प घोटाला 20,000 करोड़ का…भूल गए मोदी साहब! इतने रेनकोट आपकी सरकार में या आपके नेताओं ने पहन रखे हैं…इसके बारे में क्या कहना होगा ? हांलाकि आप तो राजा आदमी हैं…इतिहास में चाय बेचते थे, आज आपको अपना रेनकोट कहां दिखता है ? (आपका तो कपड़ा ही एक दिन रेनकोट बन जाएगा) धोखा देना नहीं चाहिए, वेलेंटाइन डे पर आपसे उम्मीद है कि आप देश की जनता से फर्जी मोहब्बत का इज़हार नहीं करेंगे। हालांकि मोदी साहब आपका पत्र आपसे पहले आपके भक्त पढ़ेंगे। वो भक्त जो आपकी पार्टी में कुकूरमुत्ते की तरह हाल ही में पनपे हैं। आपके भक्त ही देशद्रोही बोलेंगे। फिर भी मुझे आप से उम्मीद है कि आप उतना ही बोलेंगे जितना आप कर पाएंगे।

मनमोहन का रेनकोट तो आपको दिखता है क्या बीजेपी जो ख़ुद को गंगा मानती है उसका रेनकोट आपको नहीं दिखता ? मुझे इस देश की सिस्टम पर भरोसा है कि आपकी विदाई भी रेनकोट पहनकर होगी! जब आप रेनकोट पहनेंगे तब शायद पत्रकार भी आप से पूछें कि आप ने रेनकोट पहनकर नहाना किससे सिखा है ? मनमोहन सिंह से या श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संस्कारों से !  
देश का एक पत्रकार जो रेनकोट नहीं पहनता है।

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अभिषेक शांडिल्य
पत्रकार
(देशद्रोही या देश भक्त ये आपके भक्त तय करेंगे)

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