लखनऊ का एक जोड़ा जब उम्मीद से हुआ तो बड़े हकीम से पूछा कि ‘हज़रत, हम बच्चा बा अदब तमीज़ दार चाहते है कोई दवा हो तो दीजिये जिस से बच्चा बा अदब पैदा हो।’
हकीम साहब ने दवा दी।
औरत ने पाबन्दी से इस्तेमाल किया जन्म हुआ तो बच्चे ने बाहर आते ही झुक कर सब बड़े बुजुर्गों को कहा….
‘आदाब’
सब ख़ुशी से झूम उठे कि वाह! क्या अदबदार औलाद हुई है।
सालों बाद मोहतरमा दोबारा उम्मीद से हो चलीं. सोनोग्राफी हुई पता चला बच्चे जुड़वाँ हैं, तो बीवी ने दुगनी दवा ले ली।
जब दस से ग्यारह महीने हो गए और जन्म के कोई आसार नज़र नहीं आए तो ये जोड़ा डॉक्टर के यहाँ पंहुचा।
डॉक्टर साब ने बारीकी से जाँच की और कुछ देर सोचते हुए पूछा- ‘आप ने दवा कितनी ली थी ?’
बताया गया, ‘दुगुनी मात्रा में दवा ली है।’
डॉक्टर साब ने सोनोग्राफी मशीन को मोहतरमा के पेट में लगाया और जो सुना उसे सुनकर हंसी न रोक पाए
अंदर से दवा के ओवरडोज़ के कमाल से आवाजें आ रही थी
हुजूर पहले आप…
हुजूर पहले आप…