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भाषा का मज़ाक तो न उडाओ कामेडियन कपिल शर्मा

तरुण वत्स

टीवी और कॉमेडी का चर्चित चेहरा कपिल शर्मा ऐसा नाम है जिसे हर घर में जाना पहचाना जा रहा है। कुछ समय पहले ही साहब एक मोबाइल कंपनी के एड में हिंदी के प्रचार प्रसार के बहाने इसकी ब्रांडिंग करते नज़र आये थे जिस पर काफी हो हल्ला हुआ था लेकिन 16 जुलाई को अपने कार्यक्रम ‘द कपिल शर्मा शो’ में ग्रेट ग्रैंड मस्ती के अभिनेताओं के साथ खुद ही हिंदी का मज़ाक उड़ाते नज़र आये।

<p><strong>तरुण वत्स</strong></p> <p>टीवी और कॉमेडी का चर्चित चेहरा कपिल शर्मा ऐसा नाम है जिसे हर घर में जाना पहचाना जा रहा है। कुछ समय पहले ही साहब एक मोबाइल कंपनी के एड में हिंदी के प्रचार प्रसार के बहाने इसकी ब्रांडिंग करते नज़र आये थे जिस पर काफी हो हल्ला हुआ था लेकिन 16 जुलाई को अपने कार्यक्रम ‘द कपिल शर्मा शो’ में ग्रेट ग्रैंड मस्ती के अभिनेताओं के साथ खुद ही हिंदी का मज़ाक उड़ाते नज़र आये।

तरुण वत्स

टीवी और कॉमेडी का चर्चित चेहरा कपिल शर्मा ऐसा नाम है जिसे हर घर में जाना पहचाना जा रहा है। कुछ समय पहले ही साहब एक मोबाइल कंपनी के एड में हिंदी के प्रचार प्रसार के बहाने इसकी ब्रांडिंग करते नज़र आये थे जिस पर काफी हो हल्ला हुआ था लेकिन 16 जुलाई को अपने कार्यक्रम ‘द कपिल शर्मा शो’ में ग्रेट ग्रैंड मस्ती के अभिनेताओं के साथ खुद ही हिंदी का मज़ाक उड़ाते नज़र आये।

दरअसल, ग्रेट ग्रैंड मस्ती फिल्म का प्रमोशन करने के लिये उसके कलाकार रितेश देशमुख, विवेक ओबराय और आफताब शिवदसानी कपिल शर्मा के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। कार्यक्रम की शुरुआत में एक गाने के बोल के बाद क, ख, ग सुनाने की बात आई तो पहले तो सबने ऐसे मुंह बनाया कि जैसे विदेशी नागरिकों से हिंदी शब्दों के अर्थ पूछ लिये गये हों या क्या कुछ सुनाने को कह दिया गया। फिर उसके बाद एक कलाकार ने कहा, “क, ख, ग, A, B, C”।

इसके बाद आडियंस के बीच से एक महाशय खड़े हुये और उन्होंने भी हिंदी की खूब टांग तोड़ी। खूब हंसी मज़ाक होने के बाद एक महिला ने क, ख, ग सुनाये। जब महिला ऐसा कर रही थीं, तो उस समय कपिल खुद अभिनेताओं के साथ नाचने लगे। माहौल इस तरह का बना दिया गया जैसे भाषा का मज़ाक नहीं, बल्कि मखौल उड़ाया जा रहा हो। महिला ने बताया कि वह कानपुर की रहने वाली हैं।

रितेश देशमुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे हैं तो विवेक सुरेश ओबरॉय के पुत्र हैं। दोनों को ही हिंदी सिनेमा ने पहचान दिलाई है। हालांकि रितेश मराठी फिल्मों में भी अभिनय करते हैं।

मेरी बस एक गुज़ारिश है कि फिल्म प्रमोशन ठीक है, लेकिन इस बहाने भाषा का मज़ाक उड़ाना उचित नहीं है और वो भी उस भाषा का जिसके सिनेमा ने आपको इस मुक़ाम पर पहुंचाया हो। हिंदी दर्शकों के पैसे से ही सिनेमा हॉल में ग्रेट ग्रैंड मस्ती जैसी फिल्में भी हिट हो जा रही हैं और ऐसे में भाषा का सीधा मज़ाक उड़ाना मुझे तो गलत लगा, बाकी प्रमोशन, पैसे और सिनेमा में शायद सब चलता हो।

तरुण वत्स
युवा पत्रकार
[email protected]

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