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देश को चमकाने वाले हाथ बेबस और निहत्थे

घायल मजदूरफरीदाबाद के सेक्टर-24 इंडस्ट्रियल एरिया स्थित कंपनी का लेंटर गिरने से घायल मजदूर बादशाह खान अस्पताल में उपचार करवाते हुए। देश में मजदूरों की हालत यही है। जो सूई से लेकर गगनचुंबी इमारतें बनाते हैं उनके जीने का हक खत्म हो चुका है। अब वे दास भर रह गए हैं। मजदूरों की यूनियनें धाराशायी हैं। धंधेबाजों का घुन उन्हें खोखला कर चुका है। मजदूर भी संगठित नहीं हो रहे हैं। भयंकर उलटाव का दौर है। ऐसे समय में मजदूरों का यही हश्र होने वाला है। इन उठाईगीर सरकारों से कोई उम्मीद बांधना नादानी ही है।

घायल मजदूर

घायल मजदूरफरीदाबाद के सेक्टर-24 इंडस्ट्रियल एरिया स्थित कंपनी का लेंटर गिरने से घायल मजदूर बादशाह खान अस्पताल में उपचार करवाते हुए। देश में मजदूरों की हालत यही है। जो सूई से लेकर गगनचुंबी इमारतें बनाते हैं उनके जीने का हक खत्म हो चुका है। अब वे दास भर रह गए हैं। मजदूरों की यूनियनें धाराशायी हैं। धंधेबाजों का घुन उन्हें खोखला कर चुका है। मजदूर भी संगठित नहीं हो रहे हैं। भयंकर उलटाव का दौर है। ऐसे समय में मजदूरों का यही हश्र होने वाला है। इन उठाईगीर सरकारों से कोई उम्मीद बांधना नादानी ही है।

रविवार को एक कंपनी में निर्माणाधीन लेंटर गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हो गए। घायलों को बादशाह खान अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घायल मजदूरों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सेक्टर-24 इंडस्ट्रियल एरिया स्थित मेल्को स्टील एंड वायर कंपनी में लोहे के तार कटिंग करने का कार्य होता है। कंपनी में निर्माण कार्य चल रहा था। रविवार सुबह 10 बजे कंपनी में लेंटर डालने का कार्य शुरू हुआ। कंपनी प्रबंधन ने रामसहाय ठेकेदार को इसका ठेका दे रखा था मगर 12 बजे जितना लेंटर डल चुका था, वह भरभरा कर गिर गया। लेंटर डालने के कार्य में करीब 20 से 25 मजदूर लगे थे। इनमें कुछ शटरिंग व अन्य लेंटर डालने में लगे थे। शटरिंग वाले मजदूर नीचे लगी बल्लियों को नियंत्रित करने में लगे हुए थे। ऐसे में लेंटर गिरने से वे उसके नीचे दब गए। आसपास की फैक्ट्रियों में काम कर रहे कर्मचारियों की मदद से लेंटर के नीचे दबे मजदूरों को निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया।

इसकी खबर मिलते ही नगर निगम के आयुक्त सीआर राणा, एसडीएम मुकुल कुमार व डीसीपी एनआईटी प्रवीण महता दल-बल सहित मौके पर पहुंचे। मलबे में दबे मजदूरों को निकाला गया। इनमें सेक्टर-नौ निवासी उमान, एसी नगर निवासी विगन राम, एनएच पांच निवासी किशन, एनएच तीन निवासी राम सहाय, एसी नगर निवासी मुकेश, सारन निवासी मुख्तयार, सेक्टर-नौ निवासी पप्पू, एसी नगर निवासी हरीश, एसी नगर निवासी रामकुमार, रणजीत, एनएच तीन निवासी हरी व जवाहर कालोनी निवासी भोला हैं।शाम को मलबे के नीचे एक और मजदूर को निकाला गया। उसकी मलबे में दबने से मौत हो गई थी। मृतक मजदूर का नाम श्री बताया जा रहा है। पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। एसीपी मुजेसर तेजवीर सिंह ने बताया कि पुलिस व निगम के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन तो जरूर दिया गया लेकिन अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं की गई है। देश में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं में मजदूर मारे जा रहे हैं लेकिन इस पर पूरा मीडिया और लोकतंत्र के रक्षक चुप हैं। आखिर क्यों। क्योंकि पूंजीपतियों के टुकड़े पर पलने वाली लोकतांत्रिक सरकारें अपने आकाओं को ही बचाने में लगी हुई है।

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