मुंबई : मायानगरी मुंबई की चकाचौंध में मॉडल बनने तथा पढाई करने के लिए २२ वर्षीय दो जुड़वा बहने उत्तर प्रदेश के भदोही शहर से घर छोड़कर भागी और मुंबई में तस्करों हाथों में फंसते-फंसते बाल बाल बची। दोनों नादान बच्चियों को इस बात का पता भी न था कि उन्हें बहला-पुâसलाकर तस्करी के लिए मुंबई बुलाया गया था। मामला ओशिवरा पुलिस थाने में ’मिशन पत्रकारिता’ एनजीओ के माध्यम से पहुचा जहा पुलिस ने पूरी छानबिन के बाद दोनों बच्चियों को उसके पिता एवं परिजनों के हवाले किया। दोनों बच्चि़यों की जिंदगी बचाने के इस कार्य को लेकर बच्चियों के परिवारवाले एवं पुलिस कमिश्नर ने ’मिशन पत्रकारिता’ की सराहना की। मामला कुछ इस तरह है कि उत्तर प्रदेश में एक प्राईवेट स्कूल में टीचर के रूप में काम करनेवाले कमालउद्दीन अमीन ने अपने स्वूâल में एक मोटिवेशनल प्रोग्राम में डांस इंडिया डांस शो के मशहूर डांसर कमलेश पटेल को विशेष अतिथी के रूप में आमंत्रित किया था। जहां उनकी दोनों जुड़वा बेटियां शायनी अमीन एवं सायबा अमीन से उनकी मुलाकात हुई। फिर मुलाकात के दौरान कमलेश पटेल ने दोनों बच्चियों को मुंबई में मॉडल बनाने का वादा किया। जिससे मुंबई जाने की वो दोनों जिद करने लगी। मगर उनके माता-पिता इस बात से राजी नहीं थे। आखिरकार मुंबई जाने की जिद ने उनके दिमाग में फितूर सवार कर दिया। उन्होंने फेसबुक से जुडे मित्र हम्माद नामक अंधेरी में आईडिया मोबाईल कंपनी में काम करनेवाले शख्स की मदद से मुंबई भागने का प्लान बनाया और सहेली के घर जाने के बहाने २५ जून को भदोही से मुंबई आने के लिए भाग निकलीr। जहां डांस इंडिया डांस शो के मशहूर डांसर कमलेश पटेल ने उन्हें सहारा देने के लिए किरण शर्मा नामक महिला के पास भेजा।
जैसे ही किरण शर्मा के माध्यम से यह बात ’मिशन पत्रकारिता’ एनजीओ के पास पहुंची तो संस्था के अध्यक्ष शैलेष जायसवाल ने बच्चियों से उनके परिवार के बारे में पुछताछ की और जब उनके बयान पर शक हुआ तो उन्होंने झोन ९ के डीसीपी सत्यनारायण चौधरी को फोन पर इसकी सूचना दी और ओशिवरा पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक सुनिल खानविलकर एवं महिला पुलिस निरिक्षक सुमित्रा गवारे ने मामले को हाथ में लेकर पुछताछ शुरू की। जिसके बाद लड़की के पिता को पुलिस थाने में बुलाकर बच्चियों को उनके हवाले किया। दोनों बच्चियों ने अपने बयान में कबूल किया कि कमलेश पटेल ने उन्हें मुंबई में मॉडल बनाने के लिए बुलाया।
पुलिस को शक है कि इन दोनों बच्चियों को मुंबई में तस्करी के लिए लाया गया था और इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ है। इस बात को लेकर शक के दायरे में कमलेश पटेल भी है कि जो बच्चियों के माता-पिता से परिचित होने के बावजूद इस बात की सूचना उन्होंने उनको परिजनों अथवा स्वूâल प्रशासन को नहीं दी थी। महिला पुलिस निरिक्षक सुमित्रा गवारे ने मीडिया को बयान दिया कि इस घटना के बाद अभी और भी तहकीकात बाकी है। पुलिस अपना काम कर रही है और बहुत जल्द ही बड़े गिरोह का पर्दाफाश करेगी। इस दौरान पुलिस की टिम के साथ जुड़ कर काम करनेवाले ’मिशन पत्रकारिता’ के कार्यकर्ताओं में सीईओ- गीता जायसवाल, वरिष्ठ पत्रकार अजय शर्मा, एवं किरण शर्मा आदि ने मामले को सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत की। वहीं परिजनों ने ओशिवरा पुलिस एवं संस्था कार्यकर्ताओं का आभार माना।
किसनदेव गुप्ता
महासचिव
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