भारतीय डाक विभाग के एक सौ पचास साल के इतिहास को पलट कर देखें तो आप को जानकर ताज्जुब होगा कि डाक विभाग ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम पर अब तक केवल एक ही डाक टिकट निकाला है, जो एकल न होकर उसमें माता सीता, भाई लक्ष्मण एवं महाऋषि वाल्मीकि जी भी अंकित हैं. लेकिन प्रभ ईशा मसीह पर डाक विभाग वाले इस दौरान अस्सी से अधिक डाक टिकट टिकट जारी कर चुके हैं. यह इस देश कि विडम्बना ही है कि अपने आराध्य देव को भुला कर डाक विभाग दना-दन ईशा मसीह पर डाक टिकटें जारी करता जा रहा है. विभाग ने इसी वर्ष 21 फरबरी (2010 ) को बाइबिल सोसाइटी आफ इंडिया पर पांच रुपये मूल्य का एक टिकट जारी किया है. भगवान राम पर एक भी डाक टिकट जारी करने का जहमत डाक विभाग नहीं उठा रहा है.
श्री राम के सन्दर्भ में देखें तो भारत से कहीं अच्छा छोटा सा देश इंडोनेशिया है जहां पर केवल श्री राम ही नहीं बल्कि माता सीता, हनुमान, श्री कृष्ण, बलराम, भीम और यहां तक कि रावण पर भी टिकट जारी किये हैं. पूर्वी एशियाई देश ताओस में भी भारतीय देवी-देवताओं पर डाक टिकट जारी हो चुके हैं जिनमें भगवान गणेश, हनुमान, ब्रह्मा, सरस्वती, इन्द्र, गरुण, दुर्गा, शिव, पार्वती, बुद्ध आदि शामिल हैं. आश्चर्य तो तब होता है जब यमन जैसे मुस्लिम देश में भी भगवान श्री राम, लक्ष्मण, माता सीता पर सन 1967 में डाक टिकट जारी किया था. वहीँ अरब के अजमान जैसा छोटा सा मुस्लिम देश अपने यहां श्री राधा-कृष्ण पर डाक टिकट निकालने में नहीं हिचका. हिन्दू देवी देवताओं पर डाक टिकट निकालने वाले अन्य देशों का उल्लेख करना यहां अप्रासंगिक नहीं होगा. पूर्वी जर्मनी ने अपने यहां दुर्गा एवं भगवान महावीर पर डाक टिकट निकाला है. वहीं चीन, मलेशिया, थाईलैंड एवं वियतनाम जैसे देशों में हिन्दू-देवी देवताओं पर डाक टिकट जारी किये जा चुके हैं. लेकिन भारत में अपने देवी-देवताओं पर न के बराबर टिकट जारी हुए हैं. इसे विडम्बना नहीं तो क्या कहेंगे कि श्री रामचरित मानस एवं उसके रचयिता गोस्वामी तुलसी दास तथा श्रीमद भागवत गीता पर भी डाक टिकट निकल चुका है, लेकिन गोस्वामी तुलसी दास के इष्टदेव भगवान श्री राम पर आज तक भारत सरकार एवं डाक विभाग ने एक भी एकल डाक टिकट निकालने कि जरूरत ही नहीं समझी.
डाक टिकटों के संग्रह कर्ता एवं अवकाश प्राप्त पोस्ट मास्टर (डाक पाल) जे. सुब्रह्मण्यम के मुताबिक भारत में भगवान राम पर आज तक केवल एक ही डाक टिकट जारी हुआ है, वह भी एकल नहीं बल्कि माता सीता, लक्ष्मण एवं वाल्मीकि जी के चित्र भी शामिल हैं. उनके मुताबिक भारत की तुलना में अन्य देशों जैसे इंडोनेशिया, चीन, थाईलैंड आदि देशों में हिन्दू देवी देवताओं पर तमाम डाक टिकट जारी किये जा चुके हैं. इंडोनेशिया के डाक टिकटों में राम, सीता, कृष्ण, बलराम के अलावा सूर्पनखा, रावण के चित्र भी शामिल हैं. वहीं लाओस द्वारा जारी डाक टिकटों में भी आपको हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र मिलेंगे. पड़ोसी देश श्रीलंका ने विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी पर एक आकर्षक डाक टिकट निकाला है.
डाक-टिकट का अवलोकन करें तो इस बात का पता चलता है कि भारतीय संस्कृति कितनी महान व समृद्ध है, तभी तो सात समंदर पार के देश हमारे देवी-देवताओं पर डाक टिकट निकालते रहतें हैं. पर भारत तो पश्चिमी सभ्यता के आवरण में अपने को समाहित करने में लगा हुआ है. तभी तो भारत में अब तक प्रभु ईसा मसीह पर अस्सी से अधिक डाक टिकट निकल चुके हैं. आंकड़ों के मुताबिक पूरे विश्व में प्रभु ईसा मसीह पर लगभग तेरह सौ प्रकार के डाक टिकट निकल चुके हैं. लेकिन आराध्य देव मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पर एकल डाक टिकट निकालने की जहमत नहीं उठाना चाहता है अपने भारत देश का डाक विभाग.