Connect with us

Hi, what are you looking for?

बातों बातों में

सानिया की शादी को सनसनी मत बनाइए

[caption id="attachment_2290" align="alignleft" width="66"]सलीम अख्तरसलीम अख्तर[/caption]सानिया मिर्जा किससे शादी करेंगी, किससे नहीं करेंगी, यह सानिया की मर्जी पर निर्भर है। वह बालिग हैं। अपना बुरा भला सोच सकती हैं। देश का कानून भी साफ कहता है कि एक बालिग युवक या युवती अपनी मर्जी से किसी से भी शादी कर सकता है। लेकिन यह भारत है। यहां बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना भी हो सकता है और परेशान भी। आजकल भारत में ऐसे बहुत सारे अब्दुल्ला हैं, जो सानिया की शादी से परेशान हो गए हैं। पाकिस्तान का कोई मामला हो और उसमें शिसेना अपनी टांग न अड़ाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। पाकिस्तानी क्रिकेटर शयोब मलिक और टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की शादी में भी शिवसेना ने अपनी टांग घुसेड़ दी है।

सलीम अख्तर

सलीम अख्तर

सलीम अख्तर

सानिया मिर्जा किससे शादी करेंगी, किससे नहीं करेंगी, यह सानिया की मर्जी पर निर्भर है। वह बालिग हैं। अपना बुरा भला सोच सकती हैं। देश का कानून भी साफ कहता है कि एक बालिग युवक या युवती अपनी मर्जी से किसी से भी शादी कर सकता है। लेकिन यह भारत है। यहां बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना भी हो सकता है और परेशान भी। आजकल भारत में ऐसे बहुत सारे अब्दुल्ला हैं, जो सानिया की शादी से परेशान हो गए हैं। पाकिस्तान का कोई मामला हो और उसमें शिसेना अपनी टांग न अड़ाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। पाकिस्तानी क्रिकेटर शयोब मलिक और टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की शादी में भी शिवसेना ने अपनी टांग घुसेड़ दी है।

इधर सपा नेता अबू आजमी भी पगला गए लगते हैं। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि मैं शयोब मलिक की कभी तरफदारी नहीं कर सकता। वह कहते हैं कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच में मैं यह दुआ करुंगा कि मलिक जीरो पर आउट हो जाएं, और पाकिस्तानी टीम हार जाए। ऐसा लगता है कि अबू आजमी खेलों को सदभावना की नजर से नहीं, दुर्भावना की नजर से देखते हैं। अगर शयोब मलिक अच्छी बल्लेबाजी करेगा तो हमें क्यों अपनी सूरत पर बारह बजा लेने चाहिए? जो अच्छा खेलेगा उसकी तारीफ तो करनी ही पड़ेगी। अब उसमें शयोब मलिक हों या सचिन तेंदुलकर। इससे क्या फर्क पड़ता है। हमारा मानना तो यह है कि खेल दो देशों के बीच सदभावना कायम रखने के लिए खेले जाते हैं, दुश्मनी बढ़ाने के लिए नहीं। यदि खेलों से दो देशों के बीच दूरियां बढ़ती हैं तो ना खेलना ही बेहतर है।

अबू आजमी के बेटे फरहान आजमी ने हाल ही में एक फिल्म अभिनेत्री आयशा टाकिया से शादी की है। क्या किसी ने सवाल किया कि आपके बेटे ने एक ‘नाचने-गाने’ वाली लड़की से शादी क्यों की है? पूछने का मतलब भी नहीं है क्योंकि यह आपके बेटे और आपके परिवार का मामला था। इसमें किसी को दखलअंदाजी करने का मतलब ही पैदा नहीं होता। इसी तरह सानिया मिर्जा और शयोब मलिक के परिवार राजी हैं तो अबू आजमी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? 1978 के बाद से अब तक हजारों लड़कियों की शादी पाकिस्तान में हो चुकी है। यहां तक कि फिल्म अभिनेत्री रीना रॉय भी पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शाद करके पाकिस्तान में रह चुकी हैं। उस वक्त तो किसी ने यह नहीं पूछा कि आप पाकिस्तान की हिमायत करेंगी या भारत की? सानिया मिर्जा से यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है?

शादी होने के बाद सानिया क्या फैसला लेती है, यह उस पर ही छोड़ दें तो बेहतर है। यहां यह बताना भी उल्लेखनीय है कि भारतीय मूल के कई लोग दूसरे देशों में जाकर भारत के खिलाफ खेल चुके हैं। मसलन, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन भारतीय मूल के होते हुए भी इंग्लैंड के कप्तान बने और भारत के खिलाफ खेले। शादी के बाद सानिया मिर्जा को भी पाकिस्तान की नागरिकता मिल जाएगी। पाकिस्तान की नागरिक होने के बाद यदि वे पाकिस्तान की तरफ से खेलती हैं, तो क्यों किसी को आपत्ति होनी चाहिए ? अभी सवाल यह भी है कि शादी के बाद वे टेनिस खेलना जारी रखती हैं या नहीं? अभी सवाल यह भी है कि क्या पाकिस्तान के मुल्ला, जैसा कि कहा भी जाने लगा है, टेनिस खेलने की ड्रेस में सानिया को खेलने की इजाजत देते हैं या नहीं ? भारत में कुछ उलेमा उनकी ड्रेस पर उंगली उठा चुके हैं। हालांकि उलेमाओं का उनकी ड्रेस पर उंगली कतई सही नहीं है। हर खेल का एक ड्रेस होता है। यदि उस खेल को खेलना है तो ड्रेस कोड का पालन तो करना ही पड़ेगा।

इधर, शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर अपनी त्योरियों चढ़ा ली हैं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के हिन्दी संस्करण के सम्पादक प्रेम शुक्ल एक न्यूज चैनल पर सानिया और शयोब मलिक पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे। शिवसेना को तो माफ किया जा सकता है, क्योंकि उनकी रोजी-रोटी तो चलती ही है नफरतों के सहारे। पाकिस्तान का विरोध उसका सबसे प्रिय शगल है। यह अलग बात है कि शिवसेना दाउद इब्राहीम के समधी जावेद मियांदाद को ‘मातोश्री’ में बुलाकर उनकी सेवा करके अपने ‘धन्य’ मानती है। शिवसेना की सहयोगी भाजपा के नेता और प्रसिद्व अभिनेता रह चुके शत्रुघन सिन्हा एक बार पाकिस्तान के तानाशाह जनरल जिया-उल-हक के खास मेहमान रह चुके हैं। टेनिस सनसनी की शादी को ‘सनसनी’ मत बनाइए। सानिया को अपनी जिन्दगी उनकी मर्जी से जीने दीजिए।  

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

मेरी भी सुनो

अपनी बातें दूसरों तक पहुंचाने के लिए पहले रेडियो, अखबार और टीवी एक बड़ा माध्यम था। फिर इंटरनेट आया और धीरे-धीरे उसने जबर्दस्त लोकप्रियता...

साहित्य जगत

पूरी सभा स्‍तब्‍ध। मामला ही ऐसा था। शास्‍त्रार्थ के इतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि किसी प्रश्‍नकर्ता के साथ ऐसा अपमानजनक व्‍यवहार...

मेरी भी सुनो

सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने घटिया खाने और असुविधाओं का मुद्दा तो उठाया ही, मीडिया की अकर्मण्यता पर भी निशाना...

समाज-सरोकार

रूपेश कुमार सिंहस्वतंत्र पत्रकार झारखंड के बोकारो जिला स्थित बोकारो इस्पात संयंत्र भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का इस्पात संयंत्र है। यह संयंत्र भारत के...

Advertisement