दाहिने हाथ का जख्म

: उपन्यास अंश : बडा मनहूस है इस बार का इलेक्शन. ठीक पहले सूखा पडा. गांव में १६ आना धान किसी को नहीं है. आधे लोगों का आठ आना धान मराता खाता चला गया. धान की बालियां बरछी की तरह खडी हैं. चंवर ने नहीं सम्हाला होता तो गांव के ज्यादातर किसान परदेस भागने पर मजबूर हो जाते. लोग सोच रहे हैं बखार कितनी भरेगी, कै महीने तक मिलेगा भात. अगर बेटा मनीआडर नहीं भेजा तो क्या होगा?…… इसी में लोग घर-घर घूमकर वोट मांग रहे हैं.