रिपोर्ट देने वाली प्रेस परिषद की कमिटी का अतीत कितना स्‍वच्‍छ रहा है?

 

बेशक बिहार एक अति संवेदनशील राज्य है। वहां के नेता किसी भी मुद्दे पर बोलने का मादा रखते हैं। इस मीडियाकरण के दौर में भी यदि प्रेस परिषद के एक टीम की इस रिपोर्ट पर कि यहां की सरकार मीडिया खास कर प्रिंट मीडिया की अपने पक्ष में गर्दन दबाये है तो विपक्षी नेताओं का खुला शोर-गुल मचाना काबिले तारिफ है। अब स्वतंत्र राज्य विज्ञापन आयोग की बात भी उठने लगी है। ऐसे भी बिहार को लेकर प्रेस परिषद के अध्यक्ष माननीय काटजू जी की कटार शुरू से ही तेज रही है।