तीन सालों में सरकार ने 201 न्‍यूज चैनलों को दी मंजूरी

नई दिल्ली. देश में इस समय कुल 430 खबरिया चैनल हैं जबकि 201 समाचार चैनलों को मंजूरी मिल चुकी है और 208 समाचार चैनलों के आवेदन पर विचार किया जा रहा है। सूचना और प्रसारण राज्यमंत्नी सी एम जतुआ ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि इस साल 17 नवंबर तक देश में समाचार एवं समसामयिक विषयों पर आधारित 430 चैनल थे जिनमें दूरदर्शन के 35 चैनल भी शामिल हैं। इसके अलावा सूचना एवं प्रसारण मंत्नालय के दिशा निर्देशों के अनुसार विभिन्न भाषाओं में 415 गैर समाचार चैनलों को मंजूरी दी गई है।

काले धन को सफेद करने के लिए खुलते हैं न्‍यूज चैनल!

क्‍या है न्‍यूज चैनल लाने, लांच करने या चलाने का फंडा? क्‍यों धनपशु, चिडफंडिए या राजनेता ही खोलते हैं न्‍यूज चैनल. जब न्‍यूज चैनल घाटे में चल रहे हैं तो क्‍यों नहीं उन पर वीआईओ की तरह तालाबंदी कर दी जाती है, क्‍यों पत्रकारों का खून चूसते हुए भी इसे चलाया जाता है? अब अगर आंकड़ों को देखे तो यह पूरा मामला पॉवरगेम या जनहित से ज्‍यादा काले को सफेद करने का दिखता है. हालांकि इंडिया टुडे से बातचीत में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने भी न्‍यूज चैनलों का प्रयोग धौंस जमाने के लिए माना है, पर आंकड़े इससे भी ज्‍यादा की चुगली करते हैं.

एफवन रेस के बायकाट की धमकी दी इलेक्‍ट्रानिक मीडिया ने

: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया : बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, नोएडा में चल रहे फार्मूला वन रेस को कवर करने के लिए न्‍यूज चैनलों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया है. अपने वैश्‍विक मानक के अनुसार एफओएम यानी फार्मूला वन मैनेजमेंट कभी किसी भी देश के न्‍यूज चैनल को रेस फीड बांटने का परमीशन नहीं देता है. एफओएम के नियम कानूनों को देखते हुए भारतीय इलेक्‍ट्रानिक मीडिया ने नोएडा में एफवन रेस के बायकाट करने की चेतावनी दी है.