गहलोत की धार, कटारिया की कटार और वसुंधरा के वार

राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है। सीएम अशोक गहलोत अदम्य साहस के साथ खड़े हैं। सरकार सधी हुई है। बचाव की मुद्रा में नहीं है, लेकिन हाथ में ढाल है। ढाल इसलिए, क्योंकि सरकारें हमारी माई बाप हुआ करती हैं और लोकतंत्र के माई बापों के हाथों में तलवारें शोभा नहीं देती। मगर, विपक्ष के हाथ में तलवार है और वार भी। बहुत सारे लोगों के हाथों में बहुत सारी तलवारें। एक एक के हाथ में अनेक तलवारें। कहीं आपस में ही न लड़ मरें। हमारे देश में और हर प्रदेश में हर बार, संसद और विधान सभाओं में जैसा भी माहौल होता है, वैसा ही जयपुर में भी है। लेकिन थोड़ा सा अलग। वसुंधरा राजे प्रदेश बीजेपी की मुखिया बन गई है और गुलाब चंद कटारिया विपक्ष के नेता। बाहर से सब कुछ ठीक ठाक। लेकिन अंदर घमासान। फुल। कोई किसी का मुंह भी देखना नहीं चाहता।