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दस सुझाव………और बदल जायेगी आम आदमी की दशा।

बहुत जल्दी होने जा रहे लोक सभा के चुनाव इस बार काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। भजपा और कांग्रेस के लिए जीवन और मरण का प्रश्न है। तमाम तरह के आरोपों और बातों के बीच अभी तक ख़ास मुद्दे उभरकर नहीं  आये हैं। मोदी-मोदी और राहुल-राहुल से देश का भला नहीं होगा। अब सीधे-सीधे मुद्दे पर आना ही होगा, और यदि किसी दल के लिए देश और प्रदेश फतह करना जरुरी है तो प्रदेश के लिए भी कुछ करना जरुरी है, यह किसी को समझाने की जरुरत नहीं है। देश के आम आदमी को खैरात नहीं उसका अधिकार चाहिए।

बहुत जल्दी होने जा रहे लोक सभा के चुनाव इस बार काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। भजपा और कांग्रेस के लिए जीवन और मरण का प्रश्न है। तमाम तरह के आरोपों और बातों के बीच अभी तक ख़ास मुद्दे उभरकर नहीं  आये हैं। मोदी-मोदी और राहुल-राहुल से देश का भला नहीं होगा। अब सीधे-सीधे मुद्दे पर आना ही होगा, और यदि किसी दल के लिए देश और प्रदेश फतह करना जरुरी है तो प्रदेश के लिए भी कुछ करना जरुरी है, यह किसी को समझाने की जरुरत नहीं है। देश के आम आदमी को खैरात नहीं उसका अधिकार चाहिए।

ज्यादा लम्बी बात करने के बजाये मुद्दे पर रहना जरुरी है। मैं ये दस सुझाव देना चाहता हूँ, जब आम आदमी की बात हो रही है तो आम आदमी की बात सुनी भी जानी चाहिए:-

1– उत्तर प्रदेश का विभाजन चार हिस्सों में(पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण) किया जाए।

2– इन चार क्षेत्रों में हाई कोर्ट की बेंच भी तत्काल स्थापित की जाये।

3– सभी क्षेत्रों में आरक्षण का आधार केवल और केवल आर्थिक हो।

4– सरकारी सेवाओं की तरह निजी क्षेत्र में भी पेंशन देने के लिए कानून बने, जो सिर्फ नाम के लिए न हो। जिन कर्मचारियों ने न्यूनतम पांच साल पीए में अंशदान किया हो उनको पेंशन की गारंटी मिले।
 
5– आयकर में छूट की न्यूनतम सीमा पांच लाख हो और जनप्रतिनिधयों समेत किसी भी क्षत्र को इससे कोई छूट न हो। आखिर इनको इसकी जरूरत क्या है? आयकर का सरलीकरण करके सीधे कर की व्यवस्था हो, हज़ार तरह की छूटें केवल कर चोरी और घूसखोरी का माध्यम हैं।

6– सत्तर प्रतिशत तक अंक पाने वाले छात्रों का शिक्षा ऋण माफ़ हो।

7– पूरे देश में सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं में मतदान अनिवार्य हो और मतदान के लिए न्यूनतम एक हफ्ते का समय संसद और विधान सभाओं के लिए न्यूनतम एक माह का समय।

8– देश में केंद्रीय स्तर पर और राज्यों में चुनाव आयोग के बजाये जनाधिकार आयोग बनाया जाये जो केवल यह सुनिश्चित करे कि कब कौन सा चुनाव होगा और किस-किस ने वोट डाला या नहीं। आयकर निदेशालय की तर्ज़ पर यह एक मतदाता का हिसाब रखे की क्यों और किसने वोट नहीं दिया।
 
9– बिजली, पानी, गैस, पेट्रोल और दैनिक जरूरतों की वस्तुओं पर देश भर में कर की दरे सामान हों।

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10– देश के प्रत्येक मतदाता का यह सुनिश्चित होने पर कि उसने लोकसभा और विधान सभा के अलावा अपने यहाँ के स्थानीय चुनाव में हिस्सा लिया है न्यूनतम दो लाख रूपए का जीवन बीमा और स्वास्थय बीमा अनिवार्य कर दिया जाए।

 

लेखक आशीष अग्रवाल बरेली के वरिष्ठ पत्रकार हैं। उनसे संपर्क ईमेल [email protected] पर किया जा सकता है।
 

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