अनूप भटनागर नई दुनिया, दिल्ली में थे. जब उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत तनख्वाह व संस्थान की थी तो उन्हें बेरोजगार कर दिया गया. यह कार्य किया आलोक मेहता ने. इससे भी पेट नहीं भरा तो आलोक मेहता ने एक मीटिंग में कहा कि किसी की किडनी खराब हो तो वह बैठाकर सेलरी नहीं दे सकते. उनका इशारा अनूप भटनागर की तरफ था. यह बात जब अनूप भटनागर तक पहुंची तो उन्होंने सच सच सब कुछ बता देने का ऐलान किया. उन्होंने भड़ास को एक इंटरव्यू देकर आलोक मेहता और आज की पत्रकारिता के सच को उजागर कर दिया. सच कहने के इस साहस को भड़ास ने सम्मानित किया. अनूप ने मंच पर आकर अपने साथ हुए पूरे वाकये का विस्तार से वर्णन किया.
अनूप भटनागर को जाने माने मानवाधिकार वादी चितरंजन सिंह ने अपने हाथों सम्मानित किया. भड़ास के एडिटर अनिल सिंह को भड़ास सहयोगी सम्मान सुप्रिया राय ने दिया. सुप्रिया राय स्वर्गीय आलोक तोमर की पत्नी हैं और डेटलाइन इंडिया का संचालन करती हैं. पटना के आशुतोष को गिलहरियों से प्यार के लिए भड़ास सम्मान से नवाजा गया. उन्हें यह सम्मान जनसत्ता के पत्रकार रहे और कई वर्षों से अनुवाद का संगठित काम करके दिल्ली में ठाठ से जीवन यापन कर रहे संजय कुमार सिंह ने दिया.
लखनऊ के पत्रकार कुमार सौवीर को भड़ास सम्मान से नवाजा गया. कुमार सौवीर पत्रकारिता में हमेशा बेलौस और मुंहफट रहे. सच बोलने से कभी नहीं डरे और झूठ की राजनीति करने वालों को दौड़ाने में कतई गुरेज नहीं किया. कड़वे सच का साथ देने और बोल देने के कारण कुमार सौवीर के बहुत सारे विरोधी भी पैदा हुए पर वे अपने रास्ते से हटे नहीं. पेड न्यूज करने के लिए कहने वाले न्यूज चैनलों की नौकरी पर लात मारने में तनिक देर नहीं की. कुछ माह पहले गंभीर रूप से अस्वस्थ हो जाने के कारण कुमार सौवीर इन दिनों इलाज की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और उनका इलाज भी चंदे की रकम से किया जा रहा है. जीवन भर ईमानदार बने रहने और सच का साथ देने के कारण कई तरह के कष्टों से दो चार होते रहने वाले कुमार सौवीर को उनकी बेलौस विचार, जीवन शैली और पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया.
दीपक आजाद, कृष्ण प्रसाद और संजय तिवारी सम्मान लेने के लिए मौके पर मौजूद नहीं थे. दीपक आजाद को पेड न्यूज विरोधी प्रभाष जोशी स्मृति भड़ास सम्मान दिया जाना था. कृष्ण प्रसाद को मीडिया फील्ड में खोजी पत्रकारिता करने के लिए भड़ास खोजी पत्रकार सम्मान देने का मंच से ऐलान किया गया. संजय तिवारी को विस्फोट डाट काम के जनक और संचालक के तौर पर आलोक तोमर स्मृति बेस्ट वेब एडिटर सम्मान दिया जाने का ऐलान किया गया. इन तीनों तक यह सम्मान पहुंचाए जाने की घोषणा की गई और इनके कार्यों की भूरिभूरि तारीफ की गई. नीचे की तस्वीरों में अनिल सिंह और आशुतोष क्रमश: सुप्रिया राय और संजय कुमार सिंह से अपने अपने एवार्ड लेते दिख रहे हैं….
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