सुरक्षा कारणों से बुधवार को विदेशी मीडियाकर्मियों के एक चार सदस्यीय दल को झारखंड के लातेहार जिले से वापस रांची भेज दिया गया। इनके साथ हिंदुस्तान टाइम्स का एक पत्रकार भी शामिल था। ये सभी चार दिनों से झारखंड और छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाकों में संदिग्ध अवस्था में घूम रहे थे।
खास बात ये है कि इन लोगों ने प्रशासन को इसकी पूर्व सूचना नहीं दी थी। लातेहार जिला के पुलिस अधीक्षक क्रांति कुमार के मुताबिक ये लोग कुछ आंतरिक इलाकों में जाना चाहते थे लेकिन इसके लिए उन्होंने पहले से सूचना नहीं दी थी। उन्होंने बताया कि इन लोगों को सुरक्षा कारणों से अंदर के इलाकों में जाने की मंजूरी नहीं दी गई।
एसपी क्रांति कुमार गडि़देशी ने बताया, "पिछले चार दिनों से लातेहार जिला समेत गढ़वा व छत्तीसगढ़ के संवेदनशील इलाके में चार विदेशी नागरिकों के रांची के एक पत्रकार (हिंदुस्तान टाईम्स) उसीनोर मजुमदार की साथ घूमने की सूचना मिली थी। इसकी सूचना संबंधित जिलों के किसी भी एसपी को नहीं थी। इनके लातेहार पहुंचते ही मुझे इसकी जानकारी मिली। इसके बाद सभी को पूछताछ के लिए बुलाया गया।"
पूछताछ में पता चला कि ये चारों विदेशी नागरिक विक्रम कुमार, वेरेन्द जोसेफ, बरगट जालोविली व डफी रेयान बेगनान पिछले चार दिनों से नक्सल इलाकों में घूम रहे थे। आश्चर्य की बात है कि इनके पास टूरिस्ट वीजा तो झारखंड का है, लेकिन ये सभी छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज इलाके में घुम आए हैं। इनके पास से जब्त वीडियो कैमरे में बरगट में 14 जवानों की हत्या के आरोप में बंद नक्सली रविदास मिंज की पत्नी की इंटरव्यू है। पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया है। पूरे प्रकरण की जानकारी गृह विभाग को दे दी गई है और अब आगे की कोई कार्रवाई गृह विभाग के निर्देश पर की जाएगी।
एसपी ने दबाव में आकर चारों विदेशी सैलानियों व पत्रकार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची भेज दिया। हालांकि शाम हो जाने के कारण एसपी सभी को लातेहार परिसदन में ही रुकने की बात कह रहे थे, लेकिन वे नहीं रुके। इसके बाद सभी को सदर थानेदार के साथ सुरक्षा व्यवस्था के बीच रांची के लिए रवाना किया गया।
हिरासत में लिए गए पांचों पत्रकार कैमरे के सामने आने से कतराते रहे। पूछताछ के बाद एसपी कार्यालय से निकलने के बाद सभी लोग सीधे वाहन में सवार हो गए। उन्होंने पत्रकारों को फोटो लेने व बात करने से साफ मना कर दिया। जिले में प्रवेश करने के बाद चारों विदेशी सैलानियों ने जिले के किसी भी सक्षम पदाधिकारी को सूचना नहीं दी थी। एसपी ने बताया कि नियम है कि कोई विदेशी सैलानी या पत्रकार किसी जिले में प्रवेश करता है, तो इसकी सूचना एसपी या किसी सक्षम पदाधिकारी को देनी होती है। लेकिन इन विदेशी पत्रकारों ने ऐसा नहीं किया।
जिस वाहन में सवार होकर चारों विदेशी भ्रमण कर रहे थे, वह बिना नंबर प्लेट की नई गाड़ी थी। इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों की एसपी कार्यालय के सामने भीड़ जुट गई। इस दौरान तरह-तरह की चर्चा होती रही। संभावना जताई जा रही है कि विदेशी मीडियाकर्मी रांची के एक पत्रकार समेत एक शीर्ष नक्सली नेता का साक्षात्कार लेने के लिए चार दिनों से कैमरे के साथ अलग-अलग जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे थे।