आजतक की महिला संवाददाता अजंना ओम कश्यप के साथ दिल्ली की एक सड़क पर छेड़छाड़ हुई । क्या India today group और आजतक ने इससे कोई सबक लिया है ?
कुछ ही दिनों पहले ये ही मीडिया ग्रुप वाले अपनी मैग्जीन पर अश्लील पोस्टर लगाकर नारी देह की भद्दी नुमाइश कर रहे थे । अब नशे मे टुन्न किसी बिगड़ैल मनचले ने 'पोस्टर वाली' समझ कर पूछ लिया, "चलती क्या" तो इतनी बिलबिलाहट क्यूँ ? अपने गिरेबान में भी झाँके मीडिया, कि इस सक्रंमणकालीन भारतीय समाज के आगे वो क्या परोस रहा है?
सेणीदान सिंह चारण उदरासर: योगेश जी जो अश्लीलता परोसते हैं उनके साथ ये होने पर दुनिया क्या सोचेगी? धार्मिक समाचार प्रसारित करने पर भी ये कभी ढंग के कपड़े पहनकर स्टूडियो में नही बैठतीं तो जब सड़क पर जाएगी तो ये सब होगा ही न.. जब ये तमाम शहरों में अश्लीलता पर सर्वे कर लेती है (हाल ही इंडिया टुडे का आया संस्करण जिसके कवर पर ही नग्न तस्वीर थी) तब भी उतेजना तो कम नहीं होती होगी ऐसे ये अंजना कश्यप किस मुंह से कह रही है उसके साथ छेड़छाड़ हुई?
Yogesh Garg: किसी महिला के कपडो से उसका चरित्र तय करना मूर्खता है , यहां बात इलेक्ट्रानिक माध्यम द्वारा फैलती अश्लीलता की है । व्यक्तीगत रुप से महिला संवाद दाता को ही दोषी ठहराना गलत है
राकेश कुमार सिंह: Bebak likha hai Garg ji.
Rashmi Pranay Wagle: Kisi bhi Mahilaa ke saath is prakaar ki Ghatnaa honaa Galat hai … chahe usakaa Kaam / Vyawasaay kuchh bhi ho .
Yogesh Garg: किसी महिला के कपडो से उसका चरित्र तय करना मूर्खता है । लेकिन वो महिला उस मीडिया का हिस्सा हो जहाँ नारी के अर्धनग्न या लगभग नग्न ही पोस्टर द्वारा प्रचार किया जाता हो तो उस महिला को छीँटाकशी और फब्तियोँ का सामना भी करना पड सकता है इस पोस्ट का इतना ही मतलब है और ये हमारे समाज का एक व्यवहारिक कटु सत्य है , नैतिक रुप से तो महिला पर फब्ती और छीँटाकशी अपराध है ही इसके लिये दोषी को सजा मिलनी चाहिये ।
Piyush Diwan: well said…
(योगेश गर्ग 'फेसबुक चौपाल' के मॉडरेटर हैं ये आलेख उनकी फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)