औरंगाबाद(बिहार)। 16वीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर औरंगाबाद में पार्टी प्रत्याशियों के यहाँ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधियों का उठाना बैठना लगा हुआ है। मीडिया के बंधू जो कभी प्रत्याशियों के यहाँ जाते तक नहीं थे आज घंटो बैठकर समय व्यतीत कर रहे है। कारण है पैसा?, चाहे वो विज्ञापन के नाम पर हो या फिर वोट सेटिंग या पॉकिट खर्चा के नाम पर। मीडिया के बंधू हर उस ख़बर पर नज़र बनाये हुए है जिसमे चुनाव प्रत्याशी प्रेस कॉन्फ्रेंस करे। यदि किसी प्रत्याशी का प्रेस कॉन्फ्रेंस की सुचना किसी भी एक बंधू को आती है तो जानकारी मिलने पर दूसरे बंधु अपने मोबाइल पर टकटकी लगाए रहते है कि कब उनके फ़ोन की घंटी भी बजे।
इन सब में बड़ी बात यह है कि जहाँ प्रत्याशियो ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इस चुनाव में दरकिनार कर दिया है वहीं कुछ अखबार वालो की चाँदी कट रही है जिससे वे लाखों का विज्ञापन उठा रहे है। इस समय यह स्थिति बनी हुई है कि कई लोग प्रत्याशियो के घर पर घंटो बैठकी लगा रहे है मगर उन्हें मिल रहा है तो सिर्फ आश्वासन। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से प्रत्याशी आखिर नाराज क्यों है? क्योकि हमारे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बंधू अपने खबरो के सामने किसी तरह के मैनेज पर विश्वास नहीं करते। यही कारण है कि इस बार के लोक सभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से नाराज है और अखबार का सहारा लेकर अपना प्रचार करवा रहे है।
धीरज पाण्डेय
औरंगाबाद (बिहार)
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