इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने संसद तथा विधान मंडलों में सांसद और विधायक पद पर एक ही चुनाव में एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाए जाने हेतु आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा दायर पीआईएल में विधि एवं न्याय मंत्रालय और चुनाव आयोग से जवाब माँगा है।
जस्टिस इम्तियाज़ मुर्तजा और जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने याची के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय, भारत सरकार के अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल केसी कौशिक और चुनाव आयोग की ओर से मनीष कुमार की बहस सुनने के बाद प्रतिवादीगण को नोटिस जारी करते हुए 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए।
याचिका के अनुसार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 33(7) एक व्यक्ति को इन चुनावों में दो स्थानों से चुनाव लड़ने की अनुमति देता है। 1996 के पूर्व कोई व्यक्ति कितने भी सीटों से चुनाव लड़ सकता था।
याचीगण के अनुसार इस प्रकार एक ही विधायिका के निर्वाचन के दौरान दो स्थानों से चुनाव लड़ कर जीतने की अनुमति संविधान के अनुच्छेद 101 तथा 190 के विरुद्ध है। इन अनुच्छेदों में सीटों की रिक्ति के सभी संभावित कारण बताये गए हैं किन्तु इन कारणों में एक ही विधायिका सदन में दो स्थानों से चुने जाने पर पद की रिक्ति का तरीका उल्लिखित नहीं है। इस आधार पर उन्होंने दो स्थानों से चुनाव लड़ने को संविधान-विरुद्ध घोषित करने की मांग की है।