Badal Saroj : मीडिया क्यों जेल नहीं जा सकता? सहारा प्रणाम जेल में है.. तहलका तेजपाल जेल में है.. ज़ी न्यूज जमानत पर है… शारदा चिटफंडी जेल में है… गोयनका तक जेल काट चुके हैं… गुलाबी चना टाटपट्टी कांड तो याद है न! राडिया भैनजी के टेप और उसमें टिपे वीर सांघवी तो याद ही होंगे। बरखा दत्त आंटी तो पक्के से याद होंगी। आधे दर्जन सम्पादक अपना दुखड़ा रो चुके हैं कि मालिक की दलाली मुख्य काम बचा है।
मीडिया मंझे पत्रकार नहीं होता, अंबानी जब राजदीप सरदेसाई को दिखाने वाला चैनल खरीदता है तो एक फूंक में 250 पत्रकार बर्खास्त कर दिये जाते हैं। आज के 90% मीडिया मालिक जेल जाने के काबिल हैं। अम्म्मा कहती थीं : सूप बोले तो बोले, चलनी बोल उठी, जामै 72 सौ छेद।
कामरेड बादल सरोज के फेसबुक वॉल से.