सुख-दुख... भड़ास के 5 वर्षों का यह संघर्षमय सफर प्रेरणा है हम सभी पत्रकारों के लिए अब से लगभग ५ साल पहले मैं भी दिल्ली-नोएडा के मीडिया दफ्तरों के दरवाजे खटखटाया करता था। उम्मीद, उर्जा और आत्मबल से लबरेज जब... Bhadas DeskApril 24, 2013
सुख-दुख... भड़ास का जन्म होते ही लगने लगा की अभी भी पत्रकारिता हो सकती है यशवंत भाई जी, नमस्कार। भड़ास के पांच साल (17 मई 2008 से 17 मई 2013) पूरे होने पर मेरी दिल से बधाई स्वीकार करें।... Bhadas DeskApril 24, 2013