अवैध खनन के संचालकों से पैसे लेकर गुटों में बंट चुके हैं पत्रकार!

विकासनगर (देहरादून)। पत्रकारिता के क्षेत्र में विकासनगर में इन दिनों काफी हलचल मची हुई है। यमुना नदी में खनन के लिए आवंटित पट्टों के संचालकों से पैसे लेने को लेकर पत्रकार अलग अलग गुटों में बंट चुके हैं। आए दिन पैसे नहीं मिलने पर पत्रकार एक दूसरे के उपर टीका टिप्पणी और गाली गलौच करते नजर आ रहे हैं।

सपा जिलाध्यक्ष ने खबर छापने के लिए दिए अजमेर के पत्रकारों को मोबाइल फोन

हमेशा की तरह पूरे 36-48 घंटे इंतजार किया कि किसी का तो जमीर जागेगा और शायद 'भड़ास' पर यह खबर पढ़ने को मिलेगी। जब देखा 'भड़ास' पर इस खबर की एक लाइन नहीं है, फिर तय किया, चलो इस बार भी अपन ही खबर भेजें। तो हुआ यूं कि आन-बान-शान के लिए जाने वाले राजस्थान के मेरे शहर 'अजमेर शरीफ' के पत्रकारों ने कल फिर एक गुल खिला दिया।

लो, एनडीटीवी भी करने लगा पेड न्यूज!

: 40 करोड़ रुपये लेकर साक्षी टीवी के जरिए भ्रष्टाचारी रेड्डी को बचाने में जुटा एनडीटीवी प्रबंधन? : भड़ास4मीडिया के एक पाठक ने बड़ा महत्वपूर्ण सवाल उठाया है. उन्होंने जो पत्र भेजा है, वह पेड न्यूज के बारे में बड़े फलक पर सोचने को मजबूर करता है. चुनाव आयोग कहता है कि पेड न्यूज सही नहीं है. न्यूज चैनलों को चुनाव से महीनों पहले पेड न्यूज और राजनीतिक विज्ञापन दिखाने पर रोक है. लेकिन अगर कोई बड़ा नेता पेड न्यूज वाला पैसा व विज्ञापन का पैसा किसी दूसरे को देने की जगह खुद का ही चैनल खोल ले और जमकर अपनी मार्केटिंग करने लगे तो भला कोई क्या कर लेगा.