नेशनल काउन्सिल फॉर प्रमोशन ऑफ़ उर्दू मीडिया में एक संगोष्ठी के दौरान सहारा उर्दू अखबार के संपादक, अजीज बर्नी ने जो कुछ भी कहा वह एक सफेद झूठ है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनकी माफी जो सहारा उर्दू और हिन्दी अखबार में प्रकाशित किया गया था, वह उनके द्वारा नहीं लिखा गया था बल्कि यह सहारा के बड़े अधिकारी ने लिखा था. ऐसा कह कर वह मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी खोई छवि हासिल करने की कोशिश कर रहे, साथ ही सहारा को बदनाम करने की कोशिश भी.