: अमृतलाल नागर जयंती पर विशेष : कहना बहुत कठिन है कि अमृतलाल नागर का दिल लखनऊ में धड़कता था कि लखनऊ के दिल में अमृतलाल नागर धड़कते थे। ‘हम फ़िदाए लखनऊ, लखनऊ हम पे फ़िदा’ की इबारत दरअसल नागर जी पर ऐसे चस्पा होती है गोया लखनऊ और नागर जी दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हों। हिंदी ही क्या समूचे विश्व साहित्य में कोई एक लेखक मुझे ऐसा नहीं मिला जिस की सभी रचनाओं में सिर्फ़ एक ही शहर धड़कता हो…