मीडिया और कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट

अमिताभजीतहलका पत्रिका के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर हुए अवामानना याचिका ने एक बार फिर इस प्रश्न को चर्चा में ला दिया है. खास कर के मीडिया, अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं के दृष्टिगत. लोगों की आम धारणा है कि न्यायपालिका के पास एक ऐसा हथियार है जो इसे भारी शक्ति प्रदान करता है. यह कथित ताकत है अवमानना का अधिकार. न्यायालय की अवमानना एक गंभीर अपराध है. आखिर यह न्यायपालिका की अवमानना है क्या और इसकी क्या कानूनी स्थिति है?

स्‍टार न्‍यूज से सहारा समय पहुंचे अखिलेश

स्टार न्यूज़, मुंबई के सीनियर रिपोर्टर अखिलेश तिवारी ने स्टार न्यूज़ से इस्तीफा दे दिया है. वे नई पारी सहारा समय राष्ट्रीय के साथ शुरू कर रहे हैं. उन्‍हें सहारा समय में प्रिंसिपल करस्‍पांडेंट बनाया गया है. अखिलेश स्‍टार के लिए क्राइम बीट कवर करते थे. वे पिछले साढ़े तीन साल से स्टार न्यूज़ के साथ थे.

मी लोर्ड, ये हाथ भी मेरे हैं और ये पॉकेट भी

[caption id="attachment_18456" align="alignleft" width="99"]एडवोकेट अशोक पांडेयएडवोकेट अशोक पांडेय[/caption]: अशोक पांडेय उर्फ गुरुजी उर्फ मस्त कबीरा : “यार गुरु, इस बार ऐसा रिट दायर किया है कि दिल्ली तक हंगामा मच जाएगा. मजा आ गया.” प्रसन्न भाव से उछलते-कूदते अशोक पाण्डेय इस तरह ही बात कहते हुए आपको अक्सर लखनऊ हाई कोर्ट के परिसर में दिख जायेंगे. कोई जरूरी नहीं कि परिणाम वैसा ही हो जैसा वे कह रहे हैं. कई बार तो नतीजा बिलकुल उल्टा ही हो जाता है, जब हंगामा मचने के स्थान पर अशोक जी को फाइन देने का आदेश मिल जाता है.

हे ‘आजतक’ ये ‘धर्म’ है ‘वारदात’ नहीं

धनतेरस के दिन दोपहर में आज तक ने ‘धर्म’ कार्यक्रम में वाराणसी में माँ अन्नपूर्णा मंदिर से जुड़ी एक ख़बर दिखाई. बिल्कुल इण्डिया टीवी वाले तरीके से. ख़बर में दिखाया जा रहा था कि वाराणसी में स्थित माँ अन्नपूर्णा का मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जो वर्ष में सिर्फ एक दिन धनतेरस के दिन खुलता है. ये तथ्य पूरी तरह गलत है.माँ अन्नपूर्णा का मंदिर तो हर रोज़ खुलता है.

गंभीर मसले पर दैनिक जागरण की सतही पत्रकारिता

आवेश तिवारीदैनिक जागरण ने सोनभद्र-चंदौली और मिर्जापुर जिलों में एक के बाद एक ऐसी खबरें प्रकाशित की जिससे पुलिस के लिए तो मुश्किल खड़ी हो ही गई, आम आदमी भी भय और दहशत में जीने लगा. इस अखबार ने माओवादियों की तथाकथित बैठकों के अलावा बेहद शांत क्षेत्रों में माओवादियों के प्रवेश जैसी कथित खबरों को सनसनीखेज तरीके से, प्रमुखता से प्रकाशित किया. ऐसी कहानियां इस अखबार ने कई बार छापी.