दिनांक 18 नवम्बर, 2010 को कतिपय टीवी चैनलों पर योगगुरु स्वामी रामदेव जी का वक्तव्य प्रसारित हुआ। उस वक्तव्य में स्वामी राम देव जी ने खुलासा किया कि उत्तराखण्ड के एक मंत्री ने उनसे दो करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की थी। उक्त घटना की शिकायत उस समय के मुख्यमंत्री से की तो मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मंत्री को राशि चन्दे के रुप में मांगनी चाहिए थी। उक्त वक्तव्य के कुछ देर बाद एक टीवी चैनल ने पंतजलि योगपीठ के महामंत्री वैद्य बालकृष्ण जी से प्रश्न किये कि यह घटना कब की है, मंत्री कौन थे? रिश्वत किस काम को करने के लिए मांगी गई।