ये तो वही बात हो गयी कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. मेरा तो सभी भाइयों से यही अनुरोध है कि क्या कोई सड़क चलते इंसान को एक लाख रुपए बिना किसी पहचान के दे सकता है या फिर किसी का विवाद न्यायलय में चल रहा हो और उसे कोई खाली करवाने का ठेका ले सकता है. इससे भी ज्यादा मजेदार बात ये कि जनाब कोर्ट की भी अवेहलना कर रहे हैं. जब इन्हें पता है कि दुकान ना तो बेची जा सकती है और ना ही उक्त कब्जेदार से खाली करवाई जा सकती है, क्यूंकि उक्त कब्जेदार को कोर्ट ने स्टे दिया हुआ है कि जब तक ये मामला सुलझ नहीं जाता तब तक यथास्थिति बनी रहेगी और जाहिर सी बात है.