मैंने अपने को इस देश का नागरिक मानना छोड़ दिया है

यश जी प्रणाम, टेप सुने, बरखा वीर के उत्तर पढ़े. ज्यादा कुछ कहने को है नहीं. बहुत बड़ा पेट है इस भीड़तंत्र का, ये मसला भी पचा लिया जायेगा. वैसे भी भोपाल गैस कांड पे आये अदालत के निर्णय के बाद से ही मैंने अपने को इस देश का नागरिक मानना छोड़ दिया है. देशभक्ति अब अपील नहीं करती. जीवन चल रहा है, चलता रहेगा, मौत आएगी आ जायेगी. ग़म और भी हैं, खुशियाँ और भी हैं, जीवन के आयाम और भी हैं.