कहिन नाराज जगजीत ने कहा था- मैं ग़ज़ल का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता उस दिन ग्वालियर की गुलाबी ठंडी शाम थी। वाकया नवंबर २००४ का है। मौका था रूपसिंह स्टेडियम में आयोजित 'जगजीत नाइट' का। कार्यक्रम में... B4MOctober 12, 2011