संजीव कुमार (काल्पनिक नाम, क्योंकि ये नहीं चाहते इनका और विभाग का नाम सामने आए) प्रज्ञा टीवी (महुआ ग्रुप का धार्मिक चैनल) में कार्यरत थे. चैनल में काफी समय से नौकरी कर रहे थे. अपने काम में माहिर थे. हालांकि चैनल के अंदर की स्थितियों से उनके मन में एक भय सा हमेशा बना रहता था, पर अपने काम और लंबे जुड़ाव के चलते उन्हें ये उम्मीद थी कि कोई भी निर्णय लिए जाने के पहले उन्हें बताया-पूछा जरूर जाएगा. ऐसा ही एक अंजाना सा डर और उम्मीद प्रज्ञा में काम करने वाले लगभग हर कर्मचारी के मन में है.
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प्रज्ञा में भी खलबली, नौ लोग कार्यमुक्त किए गए
महुआ ग्रुप वाले पीके तिवारी के ही धार्मिक चैनल में भी दर्जनों पत्रकारों की दीवाली खराब हो गई है. चैनल के भविष्य को लेकर चल रहे कयासों के बीच नौ लोगों को बिना नोटिस के कार्यमुक्त कर दिया गया. बताया जा रहा है कि यह ग्रुप अंदर से पूरी तरह खोखला हो चुका है. कभी भी धराशायी हो सकता है. चर्चाओं अफवाहों के बीच बताया जा रहा है कि दिसम्बर तक प्रज्ञा को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा.
प्रज्ञा टीवी बना जेलखाना, चैनल के भविष्य को लेकर कयासबाजी!
: चाय पीने जाने के लिए भी लेना पड़ रहा लिखित परमिशन : महुआ वाले तिवारी जी का एक धार्मिक चैनल है प्रज्ञा. यहाँ काम करने वाले लोग प्रबंधन के रोज नए नए पैतरे से आजिज आ चुके हैं. यहाँ काम करने वाले लोगों को डरा धमका कर रखा जा रहा है. आजतक चैनल की रिसेप्शनिस्ट के पद से सीधे तिवारी जी कृपा से चैनल हेड बनने वाली शिवानी अग्रवाल ने इस तथाकथित मंदिर को जेलखाना बना दिया है.