चाटुकारिता, जीहुजूरी और विज्ञापन

आजाददुनियाभर के धर्मग्रंथ ढेर सारे नीति वाक्यों से लदे-पड़े हैं। अपने अनुचरों को राह दिखाने दिखाने वाले इन नीति मंत्रों की झलक हर रोज हमारे-तुम्हारे दरवाजे पर दखल देने वाले अखबारों के आगे-पीछे के पन्नों पर दर्ज होती है। पर क्या हमारे समय में अखबारी लाल इन पर अमल करते हैं? इस सवाल का जवाब कुछ हां, कुछ ना में ही हो सकता है।