[caption id="attachment_18358" align="alignleft" width="63"]दीपक आजाद[/caption]‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा’, यह कहावत उत्तराखंड में इन दिनों खासा गरम है। सैफ विंटर गेम्स के नाम पर देहरादून से लेकर औली तक में जो कुछ हुआ, उसके केंद्र में यह फिट बैठती है। कंपकंपाती ठंड के बीच हुए सैफ विंटर गेम्स, कॉमनवेल्थ की तर्ज पर सवाल उठाते हैं कि आखिर इन खेलों की जरूरत किसको है? इंडिया को या भारत को।