कमलेश सिंह के बाद अभिजीत मिश्रा ने भी दैनिक भास्कर से इस्तीफा दे दिया है. अभिजीत एक्जीक्यूटिव एडिटर (पंजाब) के पद पर कार्यरत थे. पिछले दिनों उनका तबादला भोपाल कर दिया गया और उन्हें डीबी स्टार का नेशनल एडिटर बना दिया गया. पर कल्पेश-नवनीत की मजबूत लाबी उन्हें भी परेशान करती रही. बिहार-यूपी-उत्तराखंड के लोगों को भास्कर से भगाने के कल्पेश याज्ञनिक और नवनीत गुर्जर के अघोषित अभियान का शिकार अभिजीत मिश्रा को भी होना पड़ा है. कमलेश और अभिजीत के इस्तीफे के बाद भास्कर प्रबंधन में हड़कंप मच गया है.
इंदौर में कई दिनों से प्रवास कर रहे कल्पेश याज्ञनिक को सुधीर अग्रवाल ने भोपाल बुलाया और उनकी क्लास ली. इस्तीफा स्वीकार हुआ है या नहीं, यह पता नहीं चल पाया है. माना जा रहा है कि आगे आने वाले दिनों में दैनिक भास्कर में कार्यरत यूपी-बिहार-उत्तराखंड के कई वरिष्ठ पत्रकारों को खुद इस्तीफा देना पड़ सकता है या उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. कल्पेश-नवनीत लाबी यह सारी कवायद यह आरोप लगाकर कर रही है कि इन बाहरी लोगों के कारण अखबार को लोकल टच देना मुश्किल पड़ रहा है. और, मजेदार यह है कि भास्कर प्रबंधन आंख मूंद कर इन लोगों के तर्क-कुतर्क को मान लेता है. इसी के आड़ में फिर ट्रांसफर करके भोपाल बुलाया जाता है और फिर मानसिक उत्पीड़न का दौर शुरू किया जाता है. ऐसे में इस्तीफा देने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता.
बताया जाता है कि कल्पेश याज्ञनिक और नवनीत गुर्जर ने अपने करियर का सबसे ज्यादा समय भास्कर में ही गुजारा है और ये लोग इस बात से इनफीरियारटी कांप्लेक्स के शिकार हो जाते हैं कि दूसरे अखबारों से पत्रकारों को इतने बड़े बड़े पदों व पैकेज पर भास्कर में क्यों लाया जाता है. इन लोगों को यह खतरा भी महसूस होता है कि कहीं ऐसा न हो कि बाहर से लाए गए लोगों को प्रबंधन भास्कर में सर्वोच्च पद दे दे.
इसी कारण ये लोग सायास ये कोशिश करते रहते हैं कि बाहर से आए लोगों को नीचा दिखाया जा सके और उन्हें मैनेजमेंट की नजरों में कमतर साबित किया जा सके. इसी परिघटना के शिकार गाहे बगाहे ढेर सारे लोग हुए लेकिन पिछले कुछ समय से यह अभियान तेज कर दिया गया है. बिहार यूपी उत्तराखंड के लोगों को भास्कर से भगाने और भास्कर में अपमानित करने का जो अभियान कल्पेश-नवनीत की जोड़ी ने शुरू कर रखा है, उसके कारण आगे आने वाले दिनों भास्कर में ज्वाइन करने से इन प्रदेशों को लोग डरेंगे.
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