Braj Bhushan Dubey : आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन पर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री अमिताभ ठाकुर के द्वारा लिखी गयी ये कविता वाकई झकझोर देने वाली है। यह कविता विधि की मर्यादा के प्रतिकूल किये गये निलम्बन पर शासन को आइना दिखाती है, एक झन्नाटेदार थप्पड चलाती है, दुर्गा जैसी अधिकारियों को और करती है मजबूत, दूसरी तरफ बन्द हों शासन के ऐसे गन्दे दस्तूर।
श्री अमिताभ जी इस प्रकार के अकेले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं जो निर्भीक होकर पारिवार के साथ सही को सही व गलत को गलत कहने का साहस रखते हैं। अमिताभ जी द्वारा लिखित कविता ये है…
जय दुर्गा
अरे ठीक है
कि एक दिन
बहाल मैं
हो जाउंगी,
दो दर्द
मुझे मिला
क्या भूल
उसका पाउंगी.
गुनाह था
क्या मेरा
मुझको भी
चले पता,
आगे कभी
दुबारा
उसको तो
ना दुहराउंगी.
कहते थे
सारे साथी
अब न्याय
तुझको करना,
क्या झूठ
थीं वे बातें
क्या मुझको
था बहलाया.
इतना तो
सोच रखा,
इस जिंदगी
में अब,
किसी और
को ये दुर्गा
गलत ना
सताएगी.
(अमिताभ ठाकुर)
आम आदमी पार्टी के गाजीपुर जिलाध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे के फेसबुक वॉल से.