मुंबई : पिछले वर्ष 11 जून को मुंबई में हुई मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार जे. डे की हत्या का मामला बुधवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में गूंजा। विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े ने कहा कि जे. डे की हत्या आईपीएल मैचों की सट्टेबाजी के कारण हुई। विप में इस मुद्दे को उठाते हुए तावड़े ने कहा कि जेडे आईपीएल क्रिकेट में चलने वाले सट्टेबाजी को उजागर करना चाहते थे। उनके पास इस संबंध में पुख्ता जानकारी थी, इसलिए उनकी हत्या कर दी गई।
भाजपा नेता यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ खोजी पत्रकार जे डे की हत्या के सिलसिले में पत्रकार जिग्ना वोरा को गिरफ्तार करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें पत्रकार की हत्या के मामले में बिना ठोस सबूत के गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने सरकार से यह जांच करने को कहा कि क्या जे डे की हत्या छोटा राजन या माफिया सरगना दाउद इब्राहिम ने तो नहीं करवाई।
उल्लेखनीय है कि जेडे की हत्या के मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें एक सट्टेबाज विनोद असरानी भी शामिल है। छोटा राजन का करीबी असरानी ने ही कालिया को पैसे उपलब्ध करवाए थे। तावड़े ने कहा कि जे डे के पास आईपीएल मैच फिक्सिंग और सटोरियों के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं थीं। वह उसका खुलासा करने वाले थे। जे डे की हत्या के पीछे जिग्ना वोरा की मंशा स्पष्ट करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि महज इतना भर से कि जिग्ना ने डे से कहा था कि आप अपने आप को बहुत स्मार्ट समझते हैं इस बात की आशंका नहीं जान पड़ती है कि उन्होंने (जिग्ना ने) जे डे की हत्या करवाई। हम वास्तविक सत्य जानना चाहते हैं।
तावड़े ने दलील दी कि पुलिस ने दावा किया है कि उसके पास इस बात की सूचना है कि वोरा ने 36 कॉल किए लेकिन वह महज तीन कॉल के रिकार्ड ही सामने ला पाई है। तावड़े ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस मामले में एक महिला पत्रकार जिग्ना वोरा को पुलिस ने आंखों में धूल झोंकने के लिए गिरफ्तार किया है। तावड़े सवाल करते हैं कि छोटा राजन को मुंबई में ये सूचनाएं पाने के लिए एक पत्रकार पर निर्भर होने की क्या जरूरत पड़ गई?