मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार भ्रष्टाचार मिटाए जाने की बात कह रहे हैं पर स्वयं उनके अधीन सेल्स टैक्स विभाग में उनके स्तर से भ्रष्टाचार की शिकायतें अनदेखी की जा रही दिखती है. आरटीआई कार्यकर्ता डा. नूतन ठाकुर द्वारा प्राप्त नोटशीट से दिखता है कि किस प्रकार उनके विभाग के अधिकारी तरीके निकाल कर तकनीकी आधार पर भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को लगातार बचा रहे हैं.
पूर्व सेल्स टैक्स कमिश्नर हिमांशु कुमार ने कई स्तरों से सूचना एकत्र कर 05 दिसंबर 2012 को विभाग के अत्यंत भ्रष्ट छवि वाले 11 अधिकारियों के विरुद्ध गोपनीय सतर्कता जांच एवं 20 अधिकारियों के विरुद्ध अभिसूचना एकत्र कराने का प्रस्ताव भेजा. लेकिन इसमें आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
पत्रावली की नोटशीट से स्पष्ट है कि पिछले छह माह से विभाग तकनीकी कारण ढूंढ कर इन आरोपी अधिकारियों की मदद कर रहा है और अखिलेश यादव द्वारा भी विभागीय प्रस्ताव को अनुमोदित किया जा रहा है. जहाँ कुमार ने मात्र गोपनीय जांच कराये जाने और अभिसूचना एकत्र करने की बात कही थी, वहीँ विभाग यह कह कर कार्यवाही टाल रहा है कि प्रस्ताव सतर्कता विभाग के 12 सितम्बर 1995 के एक शासनादेश में दिये प्रारूप में नहीं हैं.
अब ठाकुर द्वारा इस सम्बन्ध में भेजे एक पत्र के बाद विभाग ने नए सेल्स टैक्स आयुक्त को 13 जून 2013 को एक पत्र तो भेजा है पर उसकी भाषा से साफ़ है कि विभाग पूर्व कमिश्नर की स्पष्ट संस्तुति के बाद भी अपनी तरफ से कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता और इन आरोपों को पूरी तरह नज़रंदाज़ कर देना चाहता है.