लक्ष्मी प्रसाद पन्त जी ने टेहरी के डूबने पर भी बेहतरीन रिपोर्टिंग की थी. अमर उजाला में स्वर्गीय राजेन टोंडरिया जी और जागरण से लक्ष्मी भाई की लेखनी से आँखे कई बार नम हुई थी. आज उत्तराखंड को ऐसे ही संवेदनशील पत्रकारों की जरूरत है. जो सच को पहले ही सूंघ कर सिस्टम को आगाह कर सकें. पन्त जी की केदारनाथ के बारे में लिखी गयी रिपोर्ट का मैं भी गवाह रहा हूँ. पन्त जी की जरूरत इस समय उत्तराखंड को है.
अविकल थपलियाल
पत्रकार
देहरादून
मूल खबर-