नोएडा : तोतले से करा दिया विजय बहुगुणा का इंटरव्यू। भड़के बहुगुणा ने सुना दीं खरी-खरी। भागे न्यूजमैन सितारगंज में अपने के चेले के साथ। भाजपा की गाड़ी में मौज लिया, दर्जनों इंटरव्यू किया, गांधीछाप लाल नोटों वाली गड्डियां समेटीं और फर्जी फोनो स्टूडियो से दिया। तो यह सचाई है इस बड़े चैनल के बैड-मैन की, जिसके चलते ही इस चैनल का बंटाधार हो गया। और दिलचस्प बात यह है कि यही बैड-मैन अब खुद को न्यूजमैन बताते हुए पत्रकारिता और पत्रकारों का हितैषी बनने का डंका बजाता है। बहरहाल, सवाल तो अब उठेंगे ही कि आखिर इस चैनल को किसन तोड़ने की साजिशें कीं और डेढ़ सैकड़ा कर्मचारियों का खून किसने बहाया।
लेकिन पहले एक हल्की सी पृष्ठभूमि दिखा दिया जाए। तो आइये, दिखाते हैं आपको कुछ तथ्य, जो आपके दिमाग को चक्करघिन्नी नचा कर सकते हैं। वो सवाल हैं जिनका जवाब आप खुद ही इस बैड-मैन से पूछ लीजिए ना। मेरा दावा है कि इनमें से किसी भी सवाल का जवाब इस न्यूज-मैननुमा बैड-मैन से आपको हर्गिज नहीं मिलेगा। मसलन, रूद्रपुर रोड स्थित होटल में लगातार एक हफ्ते तक कौन-कौन रूके थे, भाजपा के विधायक की ईनोवा गाड़ी में किसने और किस लिए मौज मारी। क्यों उत्तराखंड के ब्यूरोचीफ को सितारगंज जाने से मना किया और किससे यह आदेश दिया। जब ब्यूरोचीफ मौजूद था, तब एक बाहरी दलाल को इस चैनल की तरफ से बहुगुणा का साक्षात्कार लेने क्यों दिया गया। सात दिन पहले ही इस चैनल से बर्खास्त किये गये शख्स को आखिरकार अपने साथ होटल में रखा और आखिर उसका परिचय बहुगुणा और उनके लोगों से इस चैनल के न्यूज डायरेक्टर के तौर क्यों कराया। मोटी रकम की खबरें तो अब छनकर आ ही रही हैं।
पूछने वाले लोग तो अब पूछने ही लगे हैं कि आखिर जब २३ जून से १ जुलाई तक इस चैनल की खबरों ने विजय बहुगुणा को ख़ासा परेशान कर दिया, तो आखिर फिर इस चैनल ने खुद का पाला क्यों और कैसे बदल लिया। ऐसी ही खबरों से परेशान होकर सरकार ने सितारगंज में इस चैनल के प्रसारण को रोकवा दिया भी था। लेकिन जन-विरोध का ज्वर का उमड़ा और लोगों के खासे विरोध के बाद इस चैनल का प्रसारण प्रशासन द्वारा दुबारा शुरू कराया। दरअसल, इस चैनल ने एक जबरदस्त खबर तान दी कि मुख्यमंत्री का वादा या छलावा। जाहिर है कि जनता छलावा के खिलाफ हो गयी और बैडमैन ने जनता के प्रति अपना वादा तोड़ दिया। इसके साथ ही अचानक बैडमैन बॉस की एंट्री हुई जो शायद पत्रकारों के लिए किसी भद्दी गाली से कम नहीं रही। दलाली की थाली पर नोटों की गड्डियां परोसने-जीमने का खेल शुरू हो गया।
विजय बहुगुणा और उनके करीबियों पर खूब आरोप थे। इस न्यूज चैनल ने इस पर सैकड़ों खबरें चलायीं। इस पर ब्यूरोचीफ को धमकियां भी मिलीं, लेकिन खबरें चलती रहीं। कि अचानक ही डील हो गयी। और बीच में सीधे पिच पर आ गये बैड-मैन। स्वादिष्ट मलाई-रबड़ी की खुशबू नासिका-रंध्र को बेहाल कर रही थी। जुगाड़ खोजा जाने लगा कि अचानक दलाली के लिए कुख्यात एक स्थानीय पत्रकार ने बैडमैन को सब्जबाग दिखा ही दिया। बहुगुणा और बैडमैन के बीच डील का दौर चला और कहने की जरूरत नहीं कि झांसा बिलकुल सटीक बैठा। बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा ने अगले तीन दिनों तक इस बैड-मैन से फोन पर लम्बी-लम्बी बातें कीं। नतीजा, बैडमैन ने साकेत का इंटरव्यू के लिए मौका तय किया। लेकिन दलाल पत्रकार को देखते हुए बहुगुणा बिदक गये। अब चूंकि अब तक शूटिंग शुरू होनी ही थी, इंटरव्यू हो ही गया। पहली जुलाई को ही चैनल ने दिन पर इस इंटरव्यू को झक्कास और विशेष खबर के तौर चलायी। लेकिन इसी बीच बहुगुणा का फोन फिर आ गया। बताते हैं कि बहुगुणा ने बैडमैन से कड़ी शिकायत की कि यह इंटरव्यू है या मजाक। अगर किसी तोतले से यह इंटरव्यू क्यों कराया। दलाल के चरित्र से बखूबी परिचित बहुगुणा के करीबियों के मुताबिक बहुगुणा ने बैडमैन से साफ कह दिया कि अगर इसी तरह काम होगा तो डील खटाई में हो सकती है।
बताते हैं कि इस धमकी को सुनते ही बैडमैन बदहवास हो गये। चूंकि मामला जल्दी से निपटाने वाली बड़ी डील का था, इसलिए बैडमैन आननफानन भागकर सीधे उत्तराखंड के सितारगंज पहुंच गया। उसके साथ उसका एक चेला भी था जो 25 जून को ही इस चैनल से बर्खास्त कर गेट से बाहर निकाला गया था। रूद्रपुर रोड पर बने एक होटल में पहली जुलाई को अपने चेला-चपाटियों के साथ पहुंचा। बैडमैन ने अपने चेले का परिचय इस चैनल के न्यूज डायरेक्टर के तौर पर कराया और एक भाजपा के विधायक की ईनोवा कार की सेवाएं अपने लिए हासिल कर ली। हां हां, फ्री में। और क्या यह बैडमैन कार का किराया देता।
लेकिन इसी बीच, सूत्रों के मुताबिक, बैडमैन ने अपनी इस डील को गुपचुप रखने के लिए इस ब्यूरोचीफ को पहले ही सितारगंज जाने से मना कर दिया था। बताते हैं कि फोन पर ब्यूरोचीफ को सख्त हिदायत दी गयी थी कि वह हर्गिज भी सितारगंज न पहुंचे। जबकि डे-प्लान के मुताबिक सितारगंज का कवरेज इसी ब्यूरोचीफ के जिम्मे था। बहुगुणा के इंटरव्यू के बारे में जब ब्यूरोचीफ ने बात करनी चाही तो उसे जमकर डांट दिया। बोले: जितनी औकात हो, उतना ही बोला करो। बहरहाल, बैडमैन ने अगले तीन दिनों यानी चार जुलाई की शाम तक सितारंगज का दौरा किया। निजी बातों को क्या सुनाया जाए, लेकिन इस दौरान धकाधक इंटरव्यू, वाक थ्रू, वन टू वन और फोनो की तो झड़ी ही लगा दी गयी। वापसी नोएडा तक बैडमैन की बांछें खिल चुकी थीं। यानी जगजाहिर हो चुका था कि नोएडा-सितारगंज-नोएडा की यात्रा में कमाल का गुल खिल चुका था। लेकिन बात इतनी तक ही नहीं रही। अगले दिन बैडमैन ने अपना राजनीतिक नमक ऐन-केन-प्रकारेण अदा करने के लिए अपना फोनो जारी रखा। लेकिन इसके लिए अपनी लोकेशन नोएडा स्थित आफिस नहीं बताया गया। जानकार बताते हैं कि नोएडा स्टूडियो में बैठकर सितारगंज का आंखोंदेखी खबरें सुनाने वाले इन फोनोज में क्या-क्या नहीं बोला इस बैडमैन ने। आप भी सुनिये ना:- जी जी, हम और हमारी टीम अभी तक सितारगंज में मौजूद है। यहां की सड़कों पर घूमते समय मैं साफ तक देख सकता हूं कि यहां जन-सैलाब है। हर शख्स खुश है, उसके मन में उमंग है, हर शख्स की जुबान पर केवल नाम है। और वह नाम है केवल बहुगुणा का। जी हां, बहुगुणा-बहुगुणा। मैं आपको बताऊं कि यहां अगर
यहां कोई लहर है, तो वह है यकीनन बहुगुणा की है। और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस चुनाव में मतदाताओं के दिल और दिमाग में केवल और केवल बहुगुणा का ही नाम है और इस बार तो चुनावी फलक पर यहां केवल बहुगुणा की जीत का ही परचम दिखेगा।
लेखक कुमार सौवीर सीनियर जर्नलिस्ट हैं. वे कई अखबारों तथा चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं. इन दिनों स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सक्रिय हैं. इनसे संपर्क 09415302520 के जरिए किया जा सकता है.