: आसाराम के साधक लड़की का आयु प्रमाणपत्र बनवाने का कर रहे हैं प्रयास : नगर पालिका से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का किया प्रयास : स्कूल के प्रधानाचार्य से जबरदस्ती मांग रहे थे आयु प्रमाण-पत्र : प्रधानाचार्य को साधकों ने दी धमकी, महिला वकील साधक भी साथ : लखनऊ से थे आसाराम के साधक, लोगों ने की साधकों से मारपीट :
नाबालिग से यौन शोषण मामले में आसाराम जोधपुर की जेल में बंद है। आसाराम को जेल से बाहर निकालने के लिए उनके साधक हर तरह के हथकंडे अपना रहे है। लड़की को बालिग साबित करने के लिए साधको ने शाहजहांपुर नगर पालिका और सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य से लड़की का आयु प्रमाण-पत्र पाने के लिए दबाव बना रहे है। प्राधानाचार्य द्वारा प्रमाण-पत्र देने से मना करने पर साधकों ने स्कूल में हंगामा काटा और प्रधानाचार्य को मारने की धमकी दी।
साधकों ने पहले नगर पालिका परिषद शाहजहांपुर से फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने का प्रयास किया। लड़की के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के प्रयास पर पीडित के पिता ने कहा कि आसाराम किसी तरह से जेल से बाहर आना चाहता है। जेल में महिला वैद्य की आसाराम इस लिए मांग कर रहे है जिससे जेल में आसानी से दवा के साथ नशा (अफीम) पहुच सके और उसके साथ ही उसकी महिलाओं से मिलने की इच्छा भी पूरी हो जाए। जेल में आसाराम को महिला वैद्य मिलने से वह जेल से ही अपने सारे अनैतिक कार्य संचालित करने लगेगा। स्कूल में लोगो ने साधको से मारपीट की।
आसाराम पर यौन शोषण का आरोप लगाने बाली नाबालिग लड़की ने शाहजहांपुर के सरस्वती शिशु मंदिर से प्राथमिक स्तर की पढ़ाई की उसके वाद वह आसाराम के छिंदवाड़ा स्थित गुरूकुल में पढ़ने चली गई थी। आसाराम के वकील रामजेठमलानी ने कोर्ट में यह दावा किया कि पीडित लड़की बालिग है। इस को सच साबित करने के लिए आसाराम के साधको ने पहले नगर पालिका शाहजहांपुर में पीडित लड़की का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया पर यहां सफलता नही मिलने पर साधको ने पीडित लड़की के स्कूल के प्रधानाचार्य से पीडिता का आयु प्रमाण-पत्र मांगा। प्रधानाचार्य ने जब साधको को आयु प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया तो साधकों ने प्रधानाचार्य पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
जब साधकों का दबाव से भी काम नहीं चला तो वह धमकी देने लगे कि प्रमाण-पत्र तो आपको देना ही पड़ेगा, सीधे-सीधे नहीं दोगे तो पटक कर मारूंगा। स्कूल में आसाराम के साधकों द्वारा पीड़िता के आयु प्रमाण-पत्र लेने आने की बात शहर में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते स्कूल में लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्कूल में बवाल होने पर प्रधानाचार्य ने कोतवाली को सूचना दी। प्रधानाचार्य को जानसे मारने की धमकी देने पर लोगों ने साधकों की पिटाई शुरू कर दी। साधकों को पिटता देख पुलिस ने बड़ी मुश्किल से साधकों को स्कूल से बाहर निकाल कर उनकी गाड़ी तक छोड़ा। साधक गाड़ी में बैठकर रफू चक्कर हो गए।
आसाराम के साधकों द्वारा स्कूल से लड़की का आयु प्रमाण-पत्र निकलवाने के प्रयास किए जाने के सबाल पर पीडित के पिता ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है। पिछले एक हफ्ते से आसाराम के साधक नगर पालिका परिषद से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास कर रहे हैं। पालिका के कर्मचारियों को साधकों ने पैसे देने का भी प्रयास किया। जब वह वहां सफल न हुए तो साधकों ने सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य को पहले तो लालच दिया जब लालच से काम नहीं बना तो जान से मारने की धमकी दी।
आसाराम के आश्रम में अनैतिक कार्य होते है। वहां नैतिक कार्य तो दिखावे के लिए होते है वहा तो सभी अनैतिक कार्य ही होते है। आसाराम द्वारा वैद्य की मांग पर पीडित के पिता ने कहा की वैद्य की मांग इस लिए कर रह है कि आसाराम को नशा करने की आद्त है जेल में नशा न मिलने से वह परेशान है। इसी लिए वह जेल में वैद्य की मांग कर रहे है जिस से जेल में गुप्त रूप से नशा पहुच सके और जेल से ही अपने आश्रम को संचालित कर सके। वैद्य के सहारे जेल से मैसेज बाहर आते रहेंगे जेल से ही सारी गतिविधियां संचालित होती रहेगी।
महिला वैद्य ही आसाराम को क्यों चाहिए? इस पर पीड़ित के पिता ने कहा कि सब जानते हैं कि आसाराम को महिलाओं से विशेष लगाव है। उनके बिना वह रह नहीं पाते हैं। इसीलिए वह जेल में बिना महिला के परेशान हो रहे हैं। बीमारी तो एक बहाना है। जेल में महिला वैद्य के पहुंचने से आसाराम के सारे काम पूरे हो जाएंगे। नशा भी पहुंच जाएगा और महिला आपूर्ति भी हो जाएगी। मुझे भी किस तरह से परेशान किया जाए, यह भी रणनीति बना सकेंगे। जिस महिला वैद्य की वह मांग कर रहे हैं, वह उनकी बहुत ही विश्वास पात्र है।
सरस्वती शिशु मंदिर के प्राधानाचार्य अरविन्द कुमार बाजपेई ने कहां कि लखनऊ से 18 सितम्बर को आसाराम के आठ साधक आए थे। शुक्रवार को भी तीन साधक एक महिला वकील के साथ आए थे और मुझसे जबरदस्ती पीडिता का आयु प्रमाण-पत्र की मांग कर रहे थे। मैंने जम आयु प्रमाण पत्र देन से मना कर दिया तो वकील ने मुझे धमकाने प्रयास किया। एक साधकने तो यहा तक कह दिया कि सीधी तरह मेरी बात मानलो बरना पटक पटक कर मारूगा।
आसाराम को क्यों चाहिए पीड़िता का आयु प्रमाण पत्र?
पीडित लड़की आसाराम के छिंदवाडा स्थित गुरूकुल में इंटर मीडिएट की छात्रा थी। वहां उसका आयु प्रमाण पत्र भी होगा तो आसाराम के साधक शाहजहांपुर से पीडिता का आयु प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास क्यों कर रहे हैं? कहीं आसाराम के वकील कोर्ट में पीड़िता को इसी प्रमाण-पत्र के सहारे बालिग साबित करना तो नहीं चाहते हैं?
लेखक सौरभ दीक्षित शाहजहांपुर में इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े हुए हैं और पिछले छः सालों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. कई अखबारो और चैनलो के लिए काम कर चुके हैं.