जो इंदौर प्रेस क्लब कई अच्छी चीजों के लिए जाना जाता है, वह एक गलत काम करने जा रहा है. उसने सैकड़ों मीडिया वालों के घर का चूल्हा बुझाने वाले और बिना कारण सैकड़ों मीडियाकर्मियों के पेट पर लात मारने वाले दो कारपोरेट पत्रकारों राजदीप सरदेसाई और आशुतोष को इंदौर में पत्रकारिता पर बोलने के लिए बुलाया है. एडिटर्स गिल्ड और इंदौर प्रेस क्लब का ये संयुक्त आयोजन है. आखिर इंदौर प्रेस क्लब ने क्यों इस कार्यक्रम को कराने का ठेका लिया?
अंबानी के दलाल पत्रकारों के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है. राजदीप और आशुतोष पत्रकारिता के वो आधुनिक खलनायक हैं जिनके जरिए मीडिया के विद्यार्थी पत्रकारिता के कारपोरेटीकरण का पाठ पढ़ेंगे और जानेंगे कि कैसे बाजार सरोकार वाले पत्रकारों को अपने चमक-दमक में लपेट कर एक दिन मीडिया विरोधी और जन विरोधी बनाकर अपने गोद में बिठा लेता है. अंबानी के पिट्ठू बन चुके राजदीप और आशुतोष नामक दो पत्रकारों को लेक्चर देने के लिए इंदौर बुलाकर इंदौर प्रेस क्लब ने सैकड़ों मीडियाकर्मियों के जले पर नमक छिड़का है. इसके लिए इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल न सिर्फ निंदा के पात्र बनेंगे बल्कि उनके सरोकार और सोच पर भी सवाल उठेंगे.
फिलहाल अब गेंद इंदौर के उन आम मीडियाकर्मियों के पाले में है, जिन्हें सचमुच जनपक्षधर पत्रकारिता से प्यार है और जो चाहते हैं कि कारपोरेट के खिलौने पत्रकारों के हाथों मीडिया की लगाम न सौंपी जाए. ऐसे साथियों से अपील है कि वे राजदीप और आशुतोष के इंदौर पहुंचने का विरोध करेंगे और जिस कार्यक्रम में वो शिरकत करने जा रहे हैं, उसमें घुसकर इनका घेराव करेंगे, नारेबाजी करेंगे और इन पत्रकारों को बताएंगे कि अभी सीधी रीढ़ वाले और जिंदा लोग इस इंदौर में मौजूद हैं. नीचे वो पोस्टर, जो इंदौर में राजदीप व आशुतोष से संबंधित कार्यक्रम के लिए इंदौर प्रेस क्लब की तरफ से तैयार किया गया है.
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