उत्तराखण्ड में श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं पर विचार कर आवश्यक कार्यवाही के लिए राज्य सरकार एक समिति बनाएगी। कार्यरत महिला पत्रकारों के लिए एक वूमेन हॉस्टल बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में श्रमजीवी पत्रकारों को जो सुविधाएं मिल रही हैं, उत्तराखण्ड में भी वे ही सुविधाएं श्रमजीवी पत्रकारों को मिलेंगी। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट के 66वें नेशनल अधिवेशन में 'गंगा स्वच्छता में मीडिया की भूमिका' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है।
हालांकि मुख्यमंत्री यह भूल गए कि उत्तराखण्ड में सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग राज्य गठन के 13 साल बाद भी अपनी कोई नीति नहीं बना पाया है। साथ ही यह 5 लाख रुपये प्रतिमाह के किराये पर चल रहा है तथा साल भर में साठ लाख रुपये तो किराया भरता है, ऐसे में वह क्या वूमेन हास्टल बना पायेगा। इसके अलावा उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में कोई प्रेस क्लब नहीं है, जबकि बजट में जिलेवार प्रेस क्लब के लिए लाखों रुपये दिये जाने का प्रावधान है।