इलाहाबाद। झारखंड में नक्सलियों की गोलियों से शहीद हुए बाबूलाल पटेल के परिजनों की सरकार से पांच दिनों से की जाने वाली मांग ने गुरुवार को आंदोलन का रूख अख्तियार कर लिया है। जिलाधिकारी को मांग से सम्बन्धित ज्ञापन सौंपने के बाद शाम को शहीद के पिता मुन्नी लाल पटेल, पत्नी रेखा और माता गुजराती देवी के साथ स्थानीय ग्रामीणों ने गांव के सामने स्थित लखनऊ-इलाहाबाद राजमार्ग के किनारे धरना देने के साथ ही भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है।
देर शाम तक धरनास्थल पर नेताओं, प्रशासनिक अफसरों और मीडिया का जमावड़ा लग गया है। धरनास्थल पर अपनादल की वरिष्ठ नेता अनुप्रिया पटेल, भाजपा के पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडेय कार्यकर्ताओं के साथ आंदोलन में डंट गए हैं। गुरुवार को सुबह से ही मामले ने तेजी से रंग बदलना शुरू कर दिया। सुबह अपनादल की राष्ट्रीय महासचिव व वाराणसी जिले के रोहनिया क्षेत्र की विधायक अनुप्रिया पटेल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शहीद बाबूलाल पटेल के घर इलाहाबाद के नवाबगंज क्षेत्र स्थित शिवलाल का पूरा पहुंची। उन्होंने प्रदेश सरकार और केंद सरकार की तरफ से अभी तक कोई मदद न मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए आंदोलन का ऐलान कर दिया। परिजनों को साथ लेकर कलेक्ट्रट पहुंची। वहां मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र का ज्ञापन डीएम राजशेखर को सौंपा।
शाम को परिजनों ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ धरना शुरू कर दिया। इसी बीच परिजनों ने हाथों में मांग की तख्तियों को लेकर भूख हड़ताल भी शुरू कर दिया। मामले की जानकारी होने पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। धरनास्थल पर बैठने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को शहीद के घर अभी तक न पहुंचने पर नाराज हैं। उनको मलाल है कि मुख्यमंत्री मथुरा और बलिया जाकर वहां परिजनों को सांत्वना देने व मदद करने की घोषणा कर सकते हैं पर यहां नहीं आ सकते हैं। प्रदेश और केंद्र सरकार का कोई प्रतिनिधि भी नहीं आ सका। फिलहाल, धरनास्थल पर गहमा गहमी का माहौल है।
इलाहाबाद से शिवाशंकर पांडेय की रिपोर्ट.