नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हैदराबाद के 27 वर्षीय पत्रकार सव्यसाची पटनायक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच रिपोर्ट खारिज कर दी है. आयोग ने साइबराबाद पुलिस की रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए फिर से जांच करने का निर्देश दिया है. आयोग ने आंध्र प्रदेश के डीजी को भी इस संदर्भ में नोटिस भेजा है. ओडिसा के सिद्धेश्वर जिले के रहने वाले पत्रकार सव्यसाची पटनायक बीते साल 11 फरवरी को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. उनका शव हैदराबाद स्थित उनके किराए के घर में मिला था. वे एक प्राइवेट चैनल में एंकर के रूप में काम कर रहे थे.
सव्यसाची की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में ओडिसा बेस्ड मानवाधिकार संगठन 'इंडिया मीडिया सेंटर' के कार्यकर्ता अखंड ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दायर की थी. अखंड ने आरोप लगाया था कि साइबराबाद पुलिस मौत को आत्महत्या का मामला बनाकर बंद करना चाहती है. इसके बाद आयोग ने पिछले साल 27 सितम्बर को हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि वे सव्यसाची की मौत की जांच रिपोर्ट आयोग में दाखिल करें.
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सव्यसाची पटनायक बहुत ही संवेदनशील प्रवृत्ति के थे, वे मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे, वे अपनी पिता की मौत के बाद से डिप्रेशन में थे. संभवत: नए जगह पर काम के दबाव के चलते उन्होंने आत्महत्या कर लिया होगा.
हालांकि साइबराबाद के पुलिस कमीशनर ने जांच रिपोर्ट में लारपवाही बरतने के आरोपों से इनकार किया है. वहीं अखंड ने अपने आरोपों को दुहराते हुए कहा कि पुलिस ने सव्यसाची के परिवार के किसी भी सदस्य का बयान नहीं लिया. इस मामले की फिर से निष्पक्ष जांच जरूरी है. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आयोग ने आंध्र सरकार तथा डीजीपी को फिर से जांच कराने का आदेश दिया है.
आयोग ने कहा है कि इस मामले की जांच किसी और जिले के अधिकारी से कराई जाए तथा चार सप्ताह में नइ रिपोर्ट पेश की जाए. अखंड का कहना है कि वे आयोग से मांग करेंगे कि उनको आरोपी बनाया जाए जिन्होंने सव्यसाची को जान देने को मजबूर किया. साथ ही पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये प्रदान किया जाए.