राजधानी से प्रकाशित हिंदी दैनिक 'विराट वैभव के संस्थापक समाचार संपादक सुनीत निगम ने अचानक संस्थान को अलविदा कहकर प्रबंधन को तगड़ा झटका दिया है। आठ साल पहले अखबार की लॉन्चिंग करने वाले सुनीत निगम ने कटेंट के स्तर पर तो अखबार को दिल्ली की मार्केट में पहचान दिलाई लेकिन प्रबंधन की नीतियों के चलते सात साल बाद भी अखबार की वह पहचान नहीं बन पाई जो आज होनी चाहिए थी।
अपने बीस साल के कॅरियर में इसके पहले सुनीत अमर उजाला व हिंदुस्तान में लंबी-लंबी पारियां खेल चुके हैं। अमर उजाला, कानपुर तथा हिंदुस्तान, लखनऊ की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहे सुनीत निगम को दोनों अखबारों में अपने कार्यकाल के दौरान करीब नौ ब्यूरो संभालने का अनुभव है। कानपुर के रहने वाले सुनीत ने अपने शहर में भी कई अखबारों की लॉन्चिंग कराई है। आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले दैनिक विश्वमित्र को साप्ताहिक के रूप में 'विश्वमित्र टाइम्स' और उर्दू हिंदी दैनिक 'सियासत' अखबार के हिंदी संस्करण की लॉन्चिंग इन्हीं के हाथों हुई थी। इसके अलावा पानीपत व शिमला से प्रकाशित हिंदी दैनिक 'पहली ख़बर' की नींव भी इन्हीं के हाथों डाली हुई है। विराट वैभव से इस्तीफे के बारे में तो उन्होंने बात करने पर पुष्टि की है लेकिन अपने अगले पड़ाव के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन लगता है कि वे फिर एक बार किसी नये अखबार की लॉन्चिंग कराने की तैयारी में हैं।