Sachin Kumar Jain : आज मैं मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण का उल्लेख करना चाहता हूँ. कल उन्होंने एक ऐसा पक्ष लिया जो आज के दौर में बहुत कम अधिकारी लेते हैं. प्रवीर कृष्ण ने मध्य प्रदेश में अस्पतालों या स्वास्थ्य सेवाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के योजना आयोग के माडल को लागू करने की खिलाफत की. उन्होंने बहुत वाजिब बात कही कि स्वास्थ्य सेवा लोगों का बुनियादी हक़ है और इस माडल से लोगों को सेवा के लिए भारी भुगतान करना होगा, जो लोग कर नहीं पायेंगे.
स्वास्थ्य सेवाएँ देना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है. कहते हैं कि इससे योजना आयोग के सलाहकार नाराज़ हो गए, क्योंकि 12वीं पंचवर्षीय योजना में भारत के योजना आयोग ने देश में इस माडल को लागू करने का लक्ष्य तय किया है. हम जानते हैं कि पिछले 20 सालों में सरकार ने हर बुनियादी हक़ का निजीकरण करने का कदम उठाया है, जिससे असमानता बढ़ी है. इस माडल में गरीबी की रेखा के कार्ड पर मुफ्त इलाज़ मिलेगा, और सवाल अब यह कि गरीब कौन है? शहर में वह जो एक दिन में 28 रुपए खर्च करता है और गाँव में 22.65 रुपए से कम खर्च करता है. कुल मिला कर पीपीपी के नाम पर जाल बुना जा रहा है, जिसका हम सबको विरोध करना चाहिए….मैं प्रवीर कृष्ण के इस पक्ष का समर्थन करता हूँ!
भोपाल के पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट सचिन कुमार जैन के फेसबुक वॉल से.