सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा 10 से 15 अक्टूबर 2013 के बीच एसएसपी वाराणसी द्वारा पुलिसकर्मियों के किये गए स्थानान्तरण से सम्बन्ध में आरटीआई में सूचना मांगे जाने पर पर जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) एसपी ग्रामीण, वाराणसी ने पूर्णतया गलत सूचना प्रदान की है.
डॉ ठाकुर के अनुसार अजय कुमार, तत्कालीन एसएसपी वाराणसी ने 13 अक्टूबर को 15 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का स्थानान्तरण किया था जबकि एसपी ग्रामीण ने मात्र दो ट्रैफिक कर्मी रमाकांत सिंह और वासुदेव कुशवाहा की सूचना दी है. इनमें भी कुशवाहा से सम्बंधित जनपदीय पुलिस स्थापना बोर्ड की कार्यवृत्ति प्रदान नहीं की गई है जबकि उमाकांत सिंह के सम्बन्ध में बोर्ड की कार्यवृत्ति से स्पष्ट हो जाता है कि यह स्थानान्तरण बोर्ड के सदस्य गोपेश खन्ना की सहमति के बगैर किया गया था.
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में दिनांक 22 सितम्बर 2009 को दिए आदेश के क्रम में शासनादेश दिनांक 08 अप्रैल 2010 में स्पष्ट किया था कि किसी भी पुलिसकर्मी का स्थानान्तरण बिना बोर्ड की सहमति के नहीं किया जा सकता है जबकि एसएसपी ने सुप्रीम कोर्ट और शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए 15 ऐसे स्थानान्तरण किये. जब तत्कालीन एसपी ट्रैफिक गोपेश खन्ना ने इन पर आपत्ति उठायी तो उनके गनर, फालोवर, सरकारी गाड़ी वापस लेकर उन्हें उत्पीड़ित किया.
डॉ ठाकुर ने आरोपित किया है कि एसपी ग्रामीण ने तत्कालीन एसएसपी को बचाने के लिए यह गलत और अपूर्ण सूचना उन्हें दी है और अतः उन्होंने इस सम्बन्ध में राज्य सूचना आयोग को आरटीआई एक्ट की धारा 18 में शिकायत भेजी है.
डॉ नूतन ठाकुर द्वारा सूचना आयोग को भेजा गया पत्र—
सेवा में,
मा० मुख्य सूचना आयुक्त,
उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग,
लखनऊ
विषय:- नोडल जन सूचना अधिकारी/पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), वाराणसी द्वारा आरटीआई एक्ट के उल्लंघन के संबंध में धारा 18, जन सूचना अधिकार अधिनियम में शिकायत
महोदय,
कृपया निवेदन है कि मैंने अपने पत्र संख्या- NT/VARANASI/GOP/SP/01 दिनांक 20/10/2013 के माध्यम से एसएसपी वाराणसी द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत अपर पुलिस अधीक्षक श्री गोपेश खन्ना का उत्पीड़न किये जाने तथा पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर के सम्बन्ध में मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या 310/1996 प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में पारित आदेश दिनांक 22/09/1996 के क्रम में शासनादेश संख्या 550/छ-पु-10-27-45(06) दिनांक 08/04/2010 यथासंशोधित शासनादेश संख्या 563/छ-पु-10-27-45(06) दिनांक 09/04/2010 का घोर उल्लंघन करने, एसएसपी वाराणसी द्वारा दिनांक 13/10/13 को यातायात पुलिस में सेवारत पंद्रह पुलिसकर्मियों के तबादले जिला पुलिस स्थापना बोर्ड की संस्तुति के बिना ही सिर्फ अपने स्तर से आर्म्स पुलिस में किये जाने और तबादले के आदेश का अनुपालन होने के उपरान्त दिनांक 14/10/13 की रात को जिला पुलिस स्थापना बोर्ड के एक सदस्य अपर पुलिस अधीक्षक यातायात श्री गोपेश खन्ना के पास तबादले से सम्बंधित अभिलेख उनके हस्ताक्षर के लिए भेजे जाने पर श्री खन्ना द्वारा विभिन्न प्रशासनिक और विधिक कारणों से हस्ताक्षर करने से मना करने और एसएसपी द्वारा उनसे नाराज हो कर दिनांक 15/10/13 की शाम को ही उनके साथ सम्बद्ध ड्राइवर, गनर व फालोवर को वापस बुला कर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिए जाने के प्रकरण की जांच तीन दिवस के अन्दर किसी एडीजी अथवा डीजी स्तर के किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से कराते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया था.
इसके अतिरिक्त मैंने जन सूचना अधिकारी, एसएसपी कार्यालय, वाराणसी से अपने पत्र दिनांक 20/10/2013 के माध्यम से दिनांक 10/10/2013 से 15/10/2013 के मध्य किये गए पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर की सूचना मांगी थी, जिस पर नोडल जन सूचना अधिकारी/पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), वाराणसी ने अपने पत्र दिनांक 09/11/2013 के साथ मात्र चार पृष्ठ संलग्न कर प्रेषित किये हैं (सूचना की छायाप्रति संलग्न) जिनमे दिनांक 13/10/2013 को ट्रांसफर किये श्री रमाकांत सिंह और श्री वासुदेव कुशवाहा के नाम और दिनांक 11/10/2013 को ट्रांसफर हुए उप निरीक्षक रामाश्रय कनौजिया की सूची दी गयी है. इसमें भी श्री वासुदेव कुशवाहा के ट्रांसफर आदेश की प्रति तो दी गयी है पर इस सम्बन्ध में जनपदीय पुलिस स्थापना बोर्ड, वाराणसी की कार्यवृत्ति प्रदान नहीं की गयी है.
श्री रमाकांत सिंह के ट्रांसफर से सम्बंधित कार्यवृत्त से यह स्पष्ट हो जाता है कि इसमें श्री गोपेश खन्ना के हस्ताक्षर नहीं हैं.
उपरोक्त तथ्यों और पृष्ठभूमि से स्पष्ट है कि जन सूचना अधिकारी द्वारा जानबूझ कर वांछित सूचना प्रदान नहीं की गयी है और यह सीधे-सीधे जन सूचना अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है और इसकी धारा अठ्ठारह के अंतर्गत दंडनीय है.
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर आपसे निम्न निवेदन हैं-
1. कृपया मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या 310/1996 प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में पारित आदेश दिनांक 22/09/1996 के क्रम में शासनादेश संख्या 550/छ-पु-10-27-45(06) दिनांक 08/04/2010 यथासंशोधित शासनादेश संख्या 563/छ-पु-10-27-45(06) दिनांक 09/04/2010 का स्पष्ट और घोर उल्लंघन कर पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर आदेश पारित किये जाने के सम्बन्ध में वांछित सूचना मांगे जाने पर नोडल जन सूचना अधिकारी/पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), वाराणसी द्वारा अपने पत्र दिनांक 09/11/2013 के साथ दिनांक 13/10/2013 को यातायात पुलिस से आर्म्ड पुलिस में ट्रांसफर हुए पंद्रह पुलिसकर्मियों के स्थान पर मात्र दो पुलिसकर्मी श्री रमाकांत सिंह और श्री वासुदेव कुशवाहा की सूचना दिए जाने और इस प्रकार जानबूझ कर शेष महत्वपूर्ण सूचना छिपाने का अनुचित प्रयास करने के सम्बन्ध में नोडल जन सूचना अधिकारी/पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), वाराणसी के विरुद्ध धारा 18, जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मेरे द्वारा प्रस्तुत इस शिकायत की जांच अपने स्तर से करते हुए सम्बंधित जन सूचना अधिकारी को नियमानुसार दण्डित करने की कृपा करें
पत्र संख्या- NT/GOP/SP/01
दिनांक – 30/11/2013
भवदीया,
(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426, विरामखंड,
गोमतीनगर, लखनऊ
94155-34525
रमाकांत सिंह के ट्रांसफर से सम्बंधित कार्यवृत्त
