कश्मीरी पंडितों को वादी छोड़ने की धमकी देने के चार दिन बाद आतंकियों ने पत्रकारों को फरमान सुनाया है कि वे कश्मीर में आतंकी हिंसा व अलगाववाद के प्रति अपना नजरिया बदलते हुए इसे सकारात्मक ढंग से लोगों को तक पहुंचाएं, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। आतंकियों ने यह धमकी भरा फरमान किसी पोस्टर के जरिये नहीं, बल्कि वादी में कुछ समाचारपत्र कार्यालयों और पत्रकारों को खत भेजकर किया है।
हाथ से लिखे खत में आतंकी कमांडर अबु इरफान ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह कश्मीर में जारी उनकी जिद्दोजहद और जेहाद को पत्रकार भारतीय एजेंसियों के कहने पर नकारात्मक तरीके से पेश कर रहे हैं। इससे जेहाद और कश्मीर में आजादी की तहरीक को नुकसान पहुंच रहा है। हम ऐसे पत्रकारों और टीवी चैनलों को खबरदार करते हैं कि वह अपना तौर तरीका बदल लें और कश्मीर की तहरीक व जेहाद को नुकसान पहुंचाने के बजाय उसे बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाएं। वह मुजाहिदों के कारनामों को अच्छे ढंग से दिखाएं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर वह अपने अंजाम के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।
इसके साथ ही समाचारपत्रों के संपादकों से इस फरमान को प्रकाशित करने को भी कहा गया है। इस संदर्भ में आइजीपी कश्मीर एसएम सहाय ने कहा कि हमारे पास अभी तक किसी भी समाचारपत्र अथवा मीडियाकर्मी की तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है। हम अपने स्तर पर जांच करेंगे। चार दिन पहले बडगाम जिले में कश्मीर से पलायन न करने वाले कश्मीरी पंडितों के लिए बनाई गई शेखपोरा कॉलोनी में भी जैश-ए-मुहम्मद मुजाहिदीन नामक आतंकी गुट का धमकी भरा खत आया था। इस खत में कश्मीरी पंडितों को कश्मीर खाली करने का फरमान सुनाया गया था। (पी7)