हैदराबाद के आतंकी विस्फोटों को लेकर राजनीतिक धमाचौकड़ी तेज हो गई है। इस हादसे को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री सुशील शिंदे के तमाम दावे शक के दायरे में आने लगे हैं। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे पर एक बार फिर शिंदे पर अपने निशाने तेज कर दिए हैं। शिंदे कल सुबह घटनास्थल का जायजा लेने के लिए हैदराबाद गए थे। वहां से लौटकर उन्होंने संसद में बयान भी दिया। लेकिन, इसको लेकर विपक्षी दलों ने खासी निराशा व्यक्त की है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा है कि शिंदे का बयान महज एक रश्म अदायगी जैसा है।
शिंदे ने राज्यसभा में यही कहा है कि उनके पास इस मामले के तमाम अहम सुरागों की जानकारी तो है, लेकिन इन्हें वे साझा नहीं कर सकते। क्योंकि, इससे जांच प्रभावित हो सकती है। गुरुवार की शाम आतंकियों ने दो जगह साइकिलों के जरिए विस्फोट किए थे। इसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हैं, जबकि 15 लोगों की मौत कल तक हो चुकी थी। विपक्षी नेताओं ने सवाल किया है कि गृह मंत्रालय बहुत सक्षम है, तो बताए कि आतंक की साइकिलों का रिमोट कंट्रोल कहां है?
गृह मंत्रालय ने शक की सुई आतंकी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ की तरफ घुमा दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस संगठन से जुड़े लोगों की तलाश तेज कर दी है। एनआईए की टीम ने बिहार के मुंगेर में छापेमारी शुरू की है। उल्लेखनीय है कि यह शहर इस आतंकी संगठन का खास गढ़ माना जाता है। सूत्रों के अनुसार, आजमगढ़ में भी आतंकी संगठन के ‘स्लीपरों’ की तलाश शुरू की गई है। खबर है कि गुनहगार हैदराबाद से भागकर यूपी और बिहार में छिपे हैं।
लेखक वीरेंद्र सेंगर डीएलए (दिल्ली) के संपादक हैं। इनसे संपर्क virendrasengarnoida@gmail.com के जरिए किया जा सकता है।