कानपुर से चलने वाले 'के न्यूज' में मालिकों की खींचातानी और आपसी तालमेल में कमी के चलते जोशोखरोश से शुरू हुआ चैनल दम तोड़ता नजर आ रहा है.. लगातार पुराने लोगों के छोड़ने और नए व कम पैसे में काम करने वाले लोगों के जुड़ने से चैनल में तालमेल गड़बड़ होने लगा है.. एमडी के रूप में काम संभाल रहे यश अग्रवाल सब कुछ देखने का दावा करते हैं.. पर उनके पास निर्णय का कोई अधिकार नहीं है.. छोटी से छोटी बात के लिए वे धर्मेश चतुर्वेदी और अंशुल गुप्ता से बात करते हैं.. फिर भी फैसला होने में कई दिन लग जाते हैं..
पता ही नहीं चल रहा है कि चैनल को चलाने की जिम्मेदारी किसकी है, चैनल की कमियां ठीक कौन करेगा, और कौन है जो अभी सारे घालमेल का जिम्मेदार है.. फिलहाल यूपी उत्तराखंड के साथ साथ बुंदेलखंड के कई इलाकों से खबरों का आना लगभग बंद सा है.. फिर भी खींचतान कर एएनआई की खबरों और अखबारों की खबरों के सहारे चैनल चलाने की मुहिम जारी है.. अगर जल्द मालिकों ने प्रोफेशनल रवैया नहीं अपनाया तो चैनल की ऐसी की तैसी होना तय है..
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.