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खबर चोर दैनिक प्रभात?

 

गाजियाबाद : गाजियाबाद के नवयुग मार्केट इलाके से प्रकाशित दैनिक प्रभात ने पत्रकारिता की तमाम मर्यादाओं को तारतार कर दिया है। दैनिक प्रभात ने गाजियाबाद से प्रकाशित स्थानीय सांध्य अखबारों की बासी व झूठन खबरों को अपने यहां हू-ब-हू छापना शुरू कर दिया है, यहां तक कि अखबार के करामाती सम्पादक चुराई गई खबर का शीर्षक बदलना भी उचित नहीं समझते। 

 

गाजियाबाद : गाजियाबाद के नवयुग मार्केट इलाके से प्रकाशित दैनिक प्रभात ने पत्रकारिता की तमाम मर्यादाओं को तारतार कर दिया है। दैनिक प्रभात ने गाजियाबाद से प्रकाशित स्थानीय सांध्य अखबारों की बासी व झूठन खबरों को अपने यहां हू-ब-हू छापना शुरू कर दिया है, यहां तक कि अखबार के करामाती सम्पादक चुराई गई खबर का शीर्षक बदलना भी उचित नहीं समझते। 
 
दैनिक प्रभात ने 11 जुलाई 2012 के अंक मे पेज चार पर’क्रिकेटर राहुल ने बताया मांसी के परिवार को जान का खतरा’शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, खास बात यह है कि यह खबर एक दिन पहले यानी 10 जुलाई 2012 को गाजियाबाद से प्रकाशित सांध्य दैनिक राष्ट्रीय आईना में प्रथम पेज पर इसी शीर्षक से प्रकाशित हो चुकी है। इन दोनों समाचार पत्रों की स्कैंड कतरन हम पाठकों के लिए हूबहू यहां दे रहें हैं। इसके बाद आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि अखबार का सम्पादक किस प्रकार 68 वर्ष पुराने दैनिक प्रभात का तबला बजा रहा है। यह घटना तो महज एक बानगी है, दैनिक प्रभात में आये दिन इस प्रकार की अमर्यादित घटनाएं घटित होती रहती हैं। 
 
इस समाचार पत्र के संस्थापक स्वर्गीय विस विनोद ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि उनके इंतकाल के बाद इस अखबार की ऐसी दुर्गति होगी। कुछ वर्ष पहले इस अखबार को सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ की मीडिया विंग सुभारती मीडिया लि0 ने टेक ओवर कर लिया था। अखबार में नान प्रोफेसनलस की थेाक में भर्ती के चलते यह संस्थान दिन प्रतिदिन गड्ढे में गिरता जा रहा है। दैनिक प्रभात के नोएडा कार्यालय से जुडे़ एक सूत्र की माने तो इस संस्करण में ज्यादातर स्थानीय खबरें लोकल अखबारों से ही चुराकर काम चलाया जाता है। 
 
मजे की बात यह है कि दैनिक प्रभात में स्थानीय सम्पादक के पद पर तैनात अवनिंद्र ठाकुर कभी किसी दैनिक अखबार में नहीं रहे वह नोएडा के माडर्न व लॉर्ड महावीरा जैसे स्कूलों में संगीत के अध्यापक थे। यह तो उन्‍होंने भी कभी नहीं सोचा होगा कि सुभारती का नौसिखिया प्रबंधन आंख मिच कर इतनी बडी़ जिम्‍मेदारी दे देगा।
 
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित. 
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