यशवंत भाई, नमस्कार, बड़े अरसे के बाद आपको मेल कर रहा हूं। वजहें ही कुछ ऐसी थीं कि बहुत उलझ गया था। लेकिन तूफानों से लड़ते यशवंत की खैरियत की दुआएं तो मैं मांगता ही रहता था, इन घनघोर व्यस्तताओं में भी। आज भाई आपको एक खास मसाला भेज रहा हूं। भाई मामला ये है कि कांग्रस का एक पावरफुल लीडर अपने अखबार के फ्रंट और बैक पेज पर खुद की फोटो का कब्जा करने के बावजूद क्लेम कर रहा है कि वो तो जनहित का कार्य कर रहे हैं। सवाल गजब का है कि खुद के अखबार में खुद की पब्लिसिटी करके ये कौन सी जनसेवा हो रही है।
हरियाणा कांग्रेस के पावरफुल पालिटिशयन व जेसिका लाल हत्या कांड के आरोपी मनु शर्मा के पिता विनोद शर्मा द्वारा चलाए जा रहे आज समाज अखबार की करामात भेज रहा हूं। मैं जो दो क्लिपिंग भेज रहा हूं, उस अंबाला अंक के फ्रंट पेज पर नेता जी और उनकी पत्नी की अलग कार्यक्रमों में भाग लेते हुए टाप स्लाट पर फोटो लगी है। बाकी सारी दुनियादारी गई भाड़ में। और ऊपर से टाप स्लाट में कैप्शन है कि जन सेवा परम धर्म। और यही धर्म इसी अंक में बैक पेज पर कब्जा करके भी निभाया जा रहा है।
इस राष्ट्रधर्म निभाने को लेकर मेरा सवाल है कि भड़ास और उसके पाठक नेता जी से पूछ सकते हैं कि आखिर ये कौन सी सेवा है। आखिर इतना पूछने का अधिकार तो होगा ही। अगर नेता जी सही है, तब हम मान ही लेंगे कि यही सही धर्म होगा। लेकिन तर्क की कसौटी पर यह साबित होना चाहिए कि आखिर ये माजरा है क्या। ये बात जगजाहिर है कि ये अखबार तब शुरू हुआ था जब हरियाणा के इस शक्तिशाली नेता की छवि को उनके सुपुत्र के जेल जाने पर धक्का लगा था।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.